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स्मार्ट सिटी बनाने को मंजूरी, न्यूनतम पेंशन भी जारी रखने को हरी झंडी

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में स्मार्ट सिटी योजना को मंजूरी दे दी गई। इससे अब देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में काम जल्द शुरू हो सकेगा। आम बजट में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। कैबिनेट की मंजूरी मिलने से इस योजना की रूपरेखा और काम शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। एक आधिकारिक बयान में यहां कहा गया कि इस परियोजना पर 48 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशनभोगियों को 1,000 रुपये न्यूनतम पेंशन 2014-15 के बाद जारी रखने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। अब तक यह योजना सिर्फ मार्च 2015 तक के लिए ही प्रभावी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में 50 हजार करोड़ रुपये खर्च के साथ अटल मिशन फॉर रिजुवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ 500 सिटीज (अम्रुत) को भी मंजूरी दी गई। अगले पांच साल में दो नए शहरी मिशन के तहत शहरी विकास पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने की भी मंजूरी दी गई। स्मार्ट शहर मिशन के तहत चुने गए शहर को पांच साल तक 100 करोड़ रुपये सालाना केंद्रीय सहायता मिलेगी। शहर का चुनाव ‘शहर चुनौती प्रतियोगिता’ के जरिए होगा। पूर्व की यूपीए सरकार द्वारा शुरू किए गए ओल्ड हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक में पेट्रोल में एथेनाल ब्लेंरडिंग पर एक्साइज ड्यूटी में 5 फीसदी की छूट देने का भी फैसला किया गया। इसके अलावा सीसीईए ने कॉटन के न्यूनतम समर्थन मूल्य को अपनी अनुमति दे दी है।

स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन का अहम हिस्सा है। पीएम मोदी चाहते हैं कि ऐसी स्मार्ट सिटी बसाई जाए जहां 24 घंटे आवश्यक सेवाएं नागरिकों को उपलब्ध हो, लोगों को टेक्नोलॉजी आधारित गवर्नेंस मिले और सर्विसेज की कड़ी निगरानी की जाए। इसके अलावा स्मार्ट सिटी में वाई-फाई जोन और मनोरंजन के स्थलों समेत हाई क्वॉलिटी का सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना भी सरकार की योजना में शामिल है।

हालांकि भारत का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अभी शुरुआती दौर में हैं। स्मार्ट सिटी के विकास में अभी तक यह तय नहीं हुआ कि कौन स्टॉकहोल्डर कितना फंड लगाएगा। स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के साथ ही इंडस्ट्री को भी फंड मुहैया कराने की जरूरत होगी। भूमि अधिग्रहण बिल सहित दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों का हल अभी तक नहीं निकला है।

वहीं 1000 रुपये न्यूनतम पेंशन को स्थायी तौर पर जारी रखने का फैसला भी कैबिनेट बैठक में किया गया। मंत्रिमंडल ने साथ ही न्यूनतम पेंशन को लागू करने के लिए सालाना बजटीय सहायता जारी रखने की भी मंजूरी दे दी, जो सालाना 850 करोड़ रुपये होगी और यह राशि साल-दर-साल घटती जाएगी। इस फैसले का लाभ करीब 20 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा।

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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