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अन्तर्राष्ट्रीय

कैद कोलंबियाई विद्रोही भूख हड़ताल पर

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हवाना| कोलंबिया में जेल में बंद 100 अधिक विद्रोहियों ने इस सप्ताह जेल में शोषण के विरोध में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। रिवोल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेज ऑफ कोलंबिया (एफएआरसी) विद्रोही समूह के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हवाना में कोलंबियाई सरकार के साथ शांतिवार्ता में भाग ले रहे एफएआरसी के प्रतिनिधियों ने बताया कि आक्रोश और हताशा की चरम अभिव्यिक्ति के रूप में चार अन्य विद्रोहियों ने अपने मुंह सीलकर बंद कर लिए हैं।

एफएआरसी ने मंगलवार को बोगोटा की एरोन-पिकोटा जेल में बंद व्रिदोहियों की स्थिति के बारे में बताया।

एफएआरसी ने एडिसन मार्टिंज के बारे में बताया कि जेल में चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण एडिसन के सामने पैर गंवाने का जोखिम पैदा हो गया।

एफएआरसी ने शुक्रवार को बताया, हालांकि मार्टिज को दो दिन बाद उपचार मिला, लेकिन जेल में 20 से ज्यादा लोगों की तबियत नाजुक है।

एफएआरसी ने बताया कि कैद लड़ाके अधिक भीड़, प्रताड़ना, मानसिक प्रताड़ना, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव और सभी प्रकार के उत्पीड़नों का सामना कर रहे हैं।

जनरल रुबेन दारियो अलजेट, कैप्टन जॉर्ज रॉड्रिग्ज और अटार्नी ग्लोरिया यूरेगो को 16 नंबर को दूरवर्ती चोको गांव में बिना अनुरक्षण यात्रा करते हुए गिरफ्तार किया गया था। इस इलाके में एफएआरसी की मजूबत पैठ है।

अलजेट की गिरफ्तारी के कारण सैंटोस ने क्यूबा में एफएआरसी के साथ शांतिवार्ता स्थगित कर दी, लेकिन विद्रोहियों ने पिछले सप्ताह कहा था कि जनरल और उनके साथियों तथा दो अन्य लड़ाकों की रिहाई के लिए वे रेडक्रॉस अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के साथ बातचीत कर रहे हैं।

विद्रोहियों ने मंगलवार को दो सैनिकों सौंप दिया था। सैंटोस ने कहा है कि दो वर्ष पुरानी शांति वार्ता तभी बहाल होगी जब सभी पांचों कैदी रेड क्रॉस के हवाले कर दिए जाएंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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