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केरल सरकार को राजमार्गो पर शराब दुकान खोलने की योजना पर फटकारा

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कोच्चि, 6 जून (आईएएनएस)| केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य की पिनराई विजयन सरकार को राजमार्गो पर शराब की दुकानें खोलने के फैसले पर फटकार लगाई।

अदालत ने चेतावनी दी कि सरकार को अदालत के निर्देश की व्याख्या नहीं करनी चाहिए और किसी तरह की कार्रवाई सिर्फ स्पष्टीकरण प्राप्त करने के बाद की जानी चाहिए। विजयन सरकार को अदालत ने यह झटका राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री जी. सुधाकरन के बयान के चंद घंटे बाद दिया जिसमें सुधाकरन ने कहा था कि भ्रम शीर्ष अदालत के निर्देश से पैदा हुआ और इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

उच्च न्यायालय का यह बयान कांग्रेस कार्यकर्ता की एक याचिका की सुनवाई पर आया है जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार अदालत को राष्ट्रीय राजमार्ग की शब्दावली पर गुमराह करने की कोशिश कर रही है।

उच्च न्यायालय ने यह भी इंगित किया कि राज्य सरकार को राष्ट्रीय राजमार्गो पर शराब की दुकानें खोलने का कोई प्रयास नहीं करना चाहिए। अदालत के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि इसकी गलत व्याख्या की गई है और चेतावनी दी कि अदालत जानती है कि यदि राज्य सरकार चतुर बनने की कोशिश करती है तो क्या करना है।

अदालत ने आदेश दिया कि अगले आदेश तक राष्ट्रीय राजमार्गो पर बार खोलने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।

बीते हफ्ते राज्य आबकारी विभाग ने उच्च न्यायालय से चेर्थला-तिरुवनंतपुरम और कन्नूर-कुट्टीपुरम राष्ट्रीय राजमार्गो पर स्थित बार होटलों का संचालन जारी रखने के मांग पर विचार करने को कहा था क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के राजमार्गो पर शराब की दुकानों को बंद करने के आदेश के पहले ही इन दोनों राजमार्गो को राजमार्गो के दायरे से बाहर करने की अधिसूचना जारी की जा चुकी थी।

केरल कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस की मांग है कि राज्य में मौजूदा शराब नीति को इससे जोड़ा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बहुत साफ है कि विजयन सरकार शराब नीति पर लुका-छिपी का खेल खेलने की कोशिश कर रही है और अब हर कोई जान गया है कि वे क्या कर रहे हैं।

राज्य की मौजूदा शराब नीति को ओमान चांडी सरकार के समय बनाया गया था जिसमें पांच सितारा या इससे ज्यादा रेटिंग वाले दो दर्जन बारों को छोड़कर 2015 में करीब 700 बारों को बंद कर दिया गया था।

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नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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