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नेशनल

किन्नरों ने अगर ट्रेन में मचाया आतंक तो मिलेगी अब ये सजा, सरकार ने उठाया इतना बड़ा कदम

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नई दिल्ली। अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। अक्सर आपने देखा होगा कि ट्रेन में सफर के दौरान किन्नर लोगों को परेशान करते हुए उनसे जबरन वसूली करते हैं। कई बार तो पैसे देने से मना करने पर वो मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं। अब सरकार आपको इस समस्या से निजात दिलाने जा रही है।

किन्नर in train के लिए इमेज परिणाम

रेलवे बोर्ड ने रेलवे सुरक्षा बल को आदेश दिया है कि 15 दिनों के अंदर देशभर की सभी ट्रेनों को किन्नर मुक्त किया जाए। इस आदेश के बाद रेलवे सुरक्षा बल अपनी हरकत दिखाते हुए आनन-फानन में किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

दरअसल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सालेम डिविजन में किन्नरों ने दो यात्रियों को पैसा न देने पर ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। ट्रेन से नीचे फेंके गए दो यात्रियों में एक की मौत हो गई जबकि एक यात्री अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है।

यात्री की मौत के बाद परिजन ने ट्विटर पर रेलवे बोर्ड से शिकायत की, जिसके बाद रेलवे बोर्ड की नींद खुली और बोर्ड ने 15 दिन के अंदर देशभर की सभी ट्रेनों को किन्नर मुक्त करने का आदेश दिया।

नेशनल

कैंसर से जूझ रहे सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान का निधन, लखनऊ के अस्पताल में ली अंतिम सांस

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लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार को निधन हो गया। वो लखनऊ के मेयो अस्पताल में भर्ती थे जहां उनका काफी समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। उनकी हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही थी। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

बता दें कि अतुल अंजान ने अपना राजनीतिक सफर 1977 में शुरू किया था। वह सबसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे।

वह टीवी डिबेट में और कई दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे। अपनी राजनीति का लोहा इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मनवा लिया था। छात्र राजनीति में इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे। अतुल कुमार लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. यूनिवर्सिटी के समय से ही वह लेफ्ट की विचारधारा पर चलते थे।

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