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नेशनल

कांग्रेस सांसद अधीर एक दिन के लिए निलंबित

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नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सोमवार को कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को अध्यक्ष का अपमान करने के चलते एक दिन की सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। अधीर ने अध्यक्ष की मेज पर हाथ में पकड़ी हुई तख्ती जोर से मार दी थी। अध्यक्ष ने नियम 374 (1) के तहत अधीर को नामित किया है, जिसके तहत उन्हें लोकसभा के सदस्य को एक दिन की कार्यवाही से निलंबित करने का अधिकार है।

अधीर ने तुरंत ही मामले पर खेद जताया, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी माफी स्वीकार नहीं की। महाजन ने अपने फैसले में कहा, “मेरे बार-बार तख्ती न दिखाने के आदेश के बावजूद भी, उन सदस्यों के सामने तख्तियां रखी जा रही हैं, जो अपनी बात सदन में रखना चाहते हैं। अधीर रंजन चौधरी का व्यवहार पूरी तरह से अस्वीकार्य है। यह अध्यक्ष का अपमान है। मैं उन्हें अध्यक्ष का अपमान करने के लिए नामित करती हूं।” इस नियम के अंतर्गत संबंधित सदस्य को सदन के पूरे सत्र की कार्यवाही से निलंबित रखे जाने के लिए प्रस्ताव लाए जानी की भी अनुमति होती है।

लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नामित किए जाने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने इस संबंध में प्रस्ताव रखा। हालांकि अन्य पार्टियों के वरिष्ठ सदस्य जैसे तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय और मार्क्ससवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सलीम ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि सत्ताधारी पार्टी का यह कदम प्रतिशोधी है। इसके बाद अध्यक्ष ने मेघवाल से प्रस्ताव वापस लेने के लिए कहा। महाजन ने हालांकि अधीर की माफी स्वीकार नहीं की और उन्हें पूरे दिन के लिए सदन से बाहर जाने का आदेश दिया।
विपक्षी पार्टियों द्वारा जारी विरोध के दौरान चौधरी ने अध्यक्ष के आसन पर तख्ती मार दी। अधीर की इस प्रतिक्रिया पर पहले उन्हें लोकसभा के महासचिव अनूप मिश्रा ने रोका और फिर कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो कि उन्हें आसन से दूर ले गए।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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