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कश्मीर में घुसपैठ में मदद कर सकता है आईएस : बीएसएफ

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जम्मू। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि इस साल पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम दोगुना उल्लंघन हुआ है और आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) पाकिस्तान से आतंकवादियों को कश्मीर पहुंचाने में मदद कर सकता है।

बीएसएफ के महानिरीक्षक राकेश गुप्ता ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में पाकिस्तान से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर पिछले साल की तुलना में इस साल 2003 के संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन में 100 फीसदी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर मंल पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ में इस साल 45 फीसदी वृद्धि हुई है।

आईएस के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, “आने वाले दिनों में आईएस अन्य आतंकवादी गिरोहों को घुसपैठ में मदद कर सकता है।” संवाददाता सम्मेलन का आयोजन बीएसएफ द्वारा स्वच्छ भारत अभियान का शीर्ष पुरस्कार जीतने की घोषणा करने के लिए किया गया था।

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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