नेशनल
कबाड़ से जुगाड़ लगाने की जुगत में एयर इंडिया
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के इतने दुुर्दिन आ गए हैं कि उसे कबाड़ बेचने का जुगाड़ लगाना पड़ रहा है। एयर इंडिया के विनिवेश पर विचार चल रहा है। जिसको देखते हुए लागत में कटौती के लिए कंपनी हवाई अड्डों पर पडे कबाड़ को भी बेचेगी। यही नहीं कुछ हवाईअड्डों पर बिना इस्तेमाल वाले पार्किंग स्थानों (हैंगर) को खाली करने की योजना है।
कंपनी के सीएमडी राजीव बंसल ने बताया कि हैंगर स्पेस छोडऩे से कंपनी पर किराए का बोझ कम होगा और कबाड़ बचेने से कुछ पैसा जुटाया जा सकेगा। बंसल ने कहा कि वो कंपनी द्वारा एयरपोर्ट पर कबाड़ रखने के लिए ली गई किराये की जमीन और हैंगर को भी जल्द खाली करेंगे, ताकि इसके अतिरिक्त किराये को भी न देना पड़े।
उन्होंने कहा कि मैंने देखा है कि हैंगरों में बहुत सारा बिना यूज वाला सामान पड़ा हुआ है और हम बेवजह इस स्थान को रखे हुए हैं। इसलिए इस कबाड़ को बेचकर हम कुछ पैसा कमा सकते हैं। साथ ही इन स्थानों को खाली कर किराया लागत को भी कम कर सकते हैं।
बंसल ने कहा कि दिल्ली में कंपनी ने एक विमान को नीलाम कर दिया लेकिन वह हैंगर में खड़ा है। इसी तरह मुंबई में इस्पात का कबाड़ पड़ा हुआ है और हम इसे हटाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि हैंगर को खाली किया जा सके। बंसल ने कहा कि वो एयरलाइंस की ऑन टाइम पर्फोमेंस, कस्टमर सर्विस पर भी ध्यान दे रहे हैं।
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देश के नए नौसेना प्रमुख बने दिनेश कुमार त्रिपाठी, ली आर हरि कुमार की जगह
नई दिल्ली। वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने नए नौसेना प्रमुख का कार्यभार संभाल लिया है। आज ही मौजूदा नेवी चीफ आर हरि कुमार सेवानिवृत हो रहे हैं। दिनेश त्रिपाठी अभी नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ हैं। वे इससे पहले पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। अपने 39 साल लंबे करियर में उन्होंने भारतीय नौसेना के कई अहम असाइनमेंट्स पर काम किया है।
वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा और विशिष्ट करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं।
उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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