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बिजनेस

ओपेक तेल आपूर्ति 3 साल के ऊपरी स्तर पर

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वियना| पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के तेल की आपूर्ति जुलाई में तीन साल के ऊपरी स्तर 3.151 करोड़ बैरल प्रति दिन के स्तर पर पहुंच गई। यह जानकारी ओपेक की एक रपट से मिली। , ओपेक का उत्पादन जुलाई में 1,00,700 बैरल रोजाना बढ़कर 3.151 करोड़ बैरल प्रति दिन हो गया। इस दौरान वैश्विक तेल आपूर्ति में ओपेक की हिस्सेदारी 30 फीसदी से अधिक रही।

ओपेक समूह ने मंगलवार को कहा कि तेल उत्पादन में वृद्धि में मुख्यत: इराक, अंगोला, सऊदी अरब और ईरान ने भूमिका निभाई। इस बीच लीबिया में उत्पादन कम रहा।

ईरान का विश्व शक्तियों के साथ जुलाई में परमाणु समझौता होने के बाद से यह उम्मीद जताई जा रही थी कि ईरान अपना तेल उत्पादन बढ़ाएगा।

ईरान का उत्पादन जुलाई में 32,300 बैरल रोजाना बढ़कर 28.6 लाख बैरल रोजाना हो गया। यह जून 2012 के बाद सर्वोच्च स्तर है।

जून 2012 में पश्चिम देशों ने ईरान पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें तेल प्रतिबंध भी शामिल था।

 

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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