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मुख्य समाचार

ओडिशा : चिटफंड घोटाले में मुख्यमंत्री के सहयोगी से पूछताछ

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भुवनेश्वर| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) के एक नेता से करोड़ों के चिटफंड घोटाला मामले में उनकी संलिप्तता के संबंध में पूछताछ की। सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आवास ‘नवीन निवास’ में कार्यरत सरोज साहू से अग्रणी चिटफंड कंपनी सीशोर ग्रुप से उनके कथित संबंध को लेकर पूछताछ की गई।

मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों के समन्वयक एवं बीजद के राजनीतिक सचिव साहू से लगभग डेढ़ घंटे तक पूछताछ की गई। आधिकारिक तौर पर साहू के हस्ताक्षर से ही मुख्यमंत्री निवास और बीजद कार्यालय से मुख्यमंत्री की ओर से मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है। सीबीआई कार्यालय से बाहर आकर साहू ने पत्रकारों से कहा, “सीबीआई ने मुझसे जो भी सवाल पूछे मैंने उनका जवाब दिया। उन्होंने मुझसे क्या पूछा यह मैं आपको नहीं बता सकता।”

उत्तर प्रदेश

कोरोना की दवाओं की परमिशन देने वालों पर चलाया जाना चाहिए हत्या का मुकदमा: अखिलेश यादव

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लखनऊ। कोरोना वायरेस के टीके ‘कोविशील्ड’ की गुणवत्ता पर विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है। कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव ने इस मामले पर सत्ताधारी भाजपा हमला बोला है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन अधिकारियों ने इस वैक्सीन के लिए मंजूरी दी थी उन्होंने ही इस टीके को नहीं लगवाया। अखिलेश यादव ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी हाई लेवल ज्यूडिशियल जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ‘जानलेवा’ दवाओं की परमिशन देना किसी की हत्या की साजिश के बराबर है और इसके जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “एक व्यक्ति को 2 वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के बुरे परिणाम की आशंका थी, अब उनका शक और डर सही साबित हुआ है।” उन्होंने कहा, “लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता माफ़ नहीं करेगी। ऐसी जानलेवा दवाइयों को परमिशन देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों पर आपराधिक मुक़दमा चलना चाहिए।

गौरतलब है कि ब्रिटेन स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि इसका कोविड टीका रक्त के थक्के जमाने संबंधी दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, लेकिन इनके बीच कोई संबंध होने की जानकारी नहीं है. ब्रिटेन के एक अखबार ने अदालती दस्तावेज के हवाले से यह दावा किया है.

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