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ऐसे चुरा सकते है आपके WhatsApp DATA , मैलवेयर से हो जाये सावधान
इन दिनों WhatsApp USERS के लिए एक खतरा मंडरा रहा है ।व्हाट्सएप के यूजर्स पर नए मैलवेयर ने दस्तक दे दी है ।मैलवेयर का प्रयोग कंप्यूटर पर किसी की पहचान चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिए किया जाता है। हाल ही में मैलवेयर का खतरा अब
WATSAPP पर भी देखने को मिल सकता है । Skygofree नाम का मैलवेयर यूजर के व्हाट्सएप पर की गई चैट और कोई भी डाटा बेहद आसानी से चुरा सकता है।
फेसबुक एंड व्हाट्सएप ने इस नए मैलवेयर को लेकर लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट कैसपरस्काई लैब ने स्किजोफ्रीनाम का मैलवेयर पाया है, इस लैब का कहना है कि ये अबतक का सबसे भयानक स्वाईवेयर है। इस तरह का स्पाईवेयर अबतक नहीं देखा गया है।
ये स्पाइवेयर एंड्रॉयड स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये व्हाट्सएट मैसेजे में भी बिना यूजर की इजाजत एक्सेस कर चुरा सकते हैं। इतना ही नहीं येस्पाईवेयर किसी लोकेशन से खुबखुद स्मार्टफोन के माइक्रोफोन की मदद से ऑडियो तक रिकॉर्ड कर सकते हैं।
कैसपरस्काई लैब का कहना है कि Skygofree को आज से तीन साल पहले क्रिएट किया गया था. इसे कई हैकर्स ने कई हैकिंग वेबसाइट के जरिए फैलाया है। ये अब तक का सबसे पावरफुल स्पाईवेयर है। इटली में कुछ एंड्रॉयड डिवाइस इसके अटैक का शिकार हो चुके हैं।
आपको बता दे की व्हाट्सएप दुनिया का सबसे पॉपुलर मैसेजिंग एप है। जिसके 1.3 बिलियन यूजर्स हैं। नए साल की शाम को इस एप के जरिए 75 बिलियनमैसजे किए गए थे। जो एक बेहद बड़ा रिकॉर्ड है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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