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खेल-कूद

एशियाई फुटबाल का ‘पावरहाउस’ बना आस्ट्रेलिया

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सिडनी| पहली बार आस्ट्रेलिया में आयोजित एशियन कप फुटबाल टूर्नामेंट बेहद सफल साबित हुआ। खेले गए कुल 32 मैच, इनमें हुए 85 गोल और एशियाई टीमों तथा खिलाड़ियों के कुछ बेहतरीन प्रदर्शन अपने आप में टूर्नामेंट की सफलता दर्शाते हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आस्ट्रेलिया के पांच शहरों में आयोजित यह टूर्नामेंट बड़ी संख्या में दर्शकों को स्टेडियम में लाने में सफल हुआ और यह एशियाई फुटबाल के लिहाज से भी एक अच्छा संकेत है।

टूर्नामेंट के नॉकआउट मुकाबले में औसतन 34,000 से ज्यादा दर्शक स्टेडियम पहुंचे। वहीं, शनिवार को सिडनी में हुए फाइनल मुकाबले को देखने के लिए 76,385 दर्शकों ने स्टेडियम की ओर रुख किया।

एशियन कप में औसतन हर मैच में करीब 20,000 दर्शकों की मौजूदगी दर्ज की गई। यह आस्ट्रेलिया में खेल और खासकर फुटबाल के प्रति प्रेम को भी दर्शाता है।

आस्ट्रेलियाई टीम ने भी अपनी दर्शकों को निराश नहीं किया और फाइनल में 120 मिनट चले मुकाबले में दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर पहला बड़ा अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीता।

आस्ट्रेलिया की इस जीत ने निश्चित रूप से उसे एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफपी) की शीर्ष टीमों में शामिल कर दिया।

टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए आस्ट्रेलिया के मासिमो लुओंगो ने मिडफील्डर के तौर पर शानदार खेल दिखाया और पूरे टूर्नामेंट में उनका हर आक्रमण देखने लायक था। टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर मैट रायन ने भी अपनी रक्षा शैली से सबका दिला जीता।

उल्लेखनीय है कि आस्ट्रेलिया ने फाइनल में पहला गोल किया, लेकिन आखिरी मिनटों में दक्षिण कोरिया ने बराबरी हासिल कर ली। इसके बाद मैच को अतिरिक्त समय में ले जाना पड़ा और जेम्स ट्रोइसी ने निर्णायक गोल करते हुए न केवल आस्ट्रेलिया को चैम्पियन बनाया बल्कि इतिहास में भी अपना नाम दर्ज कराने में सफल रहे।

दूसरी ओर, पूरे टूर्नामेंट में अपनी मजबूत रक्षा पंक्ति से विरोधी टीमों को परास्त करने वाला दो बार चैम्पियन रह चुका दक्षिण कोरिया हालांकि पिछले 55 वर्षो के खिताबी सूखे को समाप्त करने में असफल रहा।

यह भी गौर करने वाली बात है कि एशिया की शीर्ष टीम ईरान और दूसरे स्थान की टीम जापान इस टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल से भी आगे नहीं बढ़ सकीं।

इराक और संयुक्त अरब अमीरात ने दोनों टीमों को बाहर का रास्ता दिखाया। चीन ने भी अपने खेल से सबको चौंकाया। युवा खिलाड़ियों की इस टीम ने सऊदी अरब, उज्बेकिस्तान और उत्तर कोरिया को मात दी। फिलिस्तीन भले ही कोई अंक हासिल करने में असफल रहा हो, लेकिन कई मौकों पर उसने भी अपने खेल से दर्शकों का दिला जीता।

खेल-कूद

NADA ने रेसलर बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए किया निलंबित, ये है वजह

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से बजरंग के पेरिस ओलंपिक में खेलने के सपने पर संकट के बादल छाए हैं। जानकारी के अनुसार बजरंग पुनिया 10 मार्च को सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के लिए अपना सैंपल देने में विफल रहे, जिसके बाद नाडा ने उन्हें भविष्य के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से निलंबित करने का आदेश जारी किया।

भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में पुनिया, ओलंपियन साक्षी मलिक और विनेश सहित अन्य शीर्ष पहलवानों की कतार में सबसे आगे थे। निलंबन के बाद टोक्यो ओलंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले पुनिया को इस महीने के अंत में होने वाले चयन ट्रायल में भाग लेने से रोक दिए जाने की संभावना है। 65 किग्रा वर्ग में अभी तक किसी भी भारतीय ने ओलंपिक कोटा नहीं जीता है।

निलंबन पत्र वर्ल्ड यूनाइटेड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की भंग हो चुकी तदर्थ समिति को भेजा गया था। वहीं, बजरंग ने कुछ महीने पहले एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्पायर होने का आरोप लगाया था। उन्होंने डोप नियंत्रण अधिकारी के निर्देश की अवहेलना की और दावा किया कि नाडा अधिकारियों ने अभी तक उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया है।

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