बिजनेस
एलपीजी दो रुपये और केरोसिन 26 पैसे महंगा
नई दिल्ली। सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों ने सोमवार को रियायती घरेलू गैस (एलपीजी) की कीमत दो रुपये प्रति सिलिंडर की दर से बढ़ा दी। इसके अलावा केरोसीन की कीमत में भी 26 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाले रियायती गैस सिलिंडर की कीमत 1.87 रुपये बढक़र 442.77 रुपये हो गई। घरेलू गैस की कीमतें देश के विभिन्न जगहों पर स्थानीय करों के अनुपात में ही बढ़ी हैं।
इसके अलावा रियायती केरोसीन तेल की कीमत 26 पैसे प्रति लीटर बढ़ाई गई है। सरकार का लक्ष्य हर महीने 25 पैसा प्रति लीटर की दर से बढ़ाते हुए केरोसीन से रियायत खत्म करना है।
साल में 12 सिलिंडर की खपत के बाद उपभोक्ता बिना रियायती दर पर जो घरेलू गैस का सिलिंडर लेता है, उसकी कीमत 92 रुपये घटा दी गई है। इससे पहले एक अप्रैल को गैर रियायती सिलिंडर की कीमत में 14.5 रुपये की कटौती की गई थी।
नई कीमतें सोमवार से लागू हो गईं।
विमान ईंधन या जेट ईंधन की कीमत में 0.4 फीसदी की कटौती की गई है। नई दरों के तहत दिल्ली में जेट ईंधन की कीमत 51,696 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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