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एपल ने सबसे पतला, सबसे हल्का नया मैकबुक प्रो लांच किया
सैन फ्रांसिसको, अमेरिका के क्यूपर्टिनो की कंपनीएपल ने अब तक का सबसे पतला और सबसे हल्का मैकबुक प्रो बाजार में उतारा। इसमें फंक्शन-की की जगह नया इंटरफेस है और रेटिना गुणवत्ता मल्टीटच डिस्प्ले है जिसे ‘टच बार’ नाम दिया गया है।
मैकबुक प्रो में छठी पीढ़ी का क्वैड कोर और ड्यूअल कोर प्रोसेसर है, जिसकी ग्राफिक क्षमता पिछली पीढ़ी के मुकाबले 2.3 गुणा ज्यादा है। इसमें सुपरफास्ट एसएसडी के साथ चार थंडरबोल्ड 3 पोर्ट लगे हैं।
नए मैकबुक प्रो में एपल का सबसे चमकीला और सबसे ज्यादा रंगीन रेटिना डिस्प्ले लगा है। इसमें सुरक्षा के लिए टचआई, एक अधिक रेस्पांसिव की बोर्ड, एक बड़ा फोर्स टच ट्रैकपैज और डबल डायनेमिक रेंज के साथ एक ऑडियो सिस्टम लगा है।
एपल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (वैश्विक विपणन) फिलिप शिलर ने एक बयान जारी कर कहा, “इस हफ्ते एपल के पहले नोटबुक की 25वीं वर्षगांठ है। इतने सालों में हमने हर पीढ़ी में नवाचार और नई क्षमताओं को पेश किया है और यह संयोग ही है कि यह मैकबुक प्रो इन सबमें सबसे बड़ी छलांग है।”
मैकबुक का डिस्प्ले केवल 0.88 एमएम पतला है। इसका स्क्रीन पिछले मैकबुक की तुलना में 67 फीसदी अधिक चमकीला है। साथ ही यह 30 फीसदी कम ऊर्जा की खपत करता है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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