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एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने पेश किया 11 भाषाओं में मोबाइल ऐप्प

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एचडीएफसी सिक्योरिटीज, 11 भाषाओं में मोबाइल ऐप्प, एचडीएफसी बैंक

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मुंबई। एचडीएफसी बैंक की सहायक कंपनी एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने 11 विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में मोबाइल ट्रेडिंग का ऐप्प पेश किया है। ग्राहकों के पास अब यह स्वतंत्रता है कि वे जिस भाषा में सबसे आसानी महसूस करें, उसी भाषा में शेयर, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश प्रपत्रों को खरीदें और बेचें। और यह सारा कुछ चलते-चलते हो सकता है, मोबाइल पर। इन 11 भाषाओं के साथ यह ऐप्प देश की 92% आबादी के लिए उपयुक्त है।

ग्राहकों अब वह भाषा चुनने की स्वतंत्रता होगी जिस भाषा में वे शेयर, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश उत्पादों को खरीदने-बेचने में सबसे ज्यादा आसानी महसूस करते हैं। और, यह सब मबाइल के जरिये किया जा सकेगा। यह ऐप्प 11 भाषाओं के साथ देश की 92% आबादी को सुविधा देगा। अंग्रेजी के अलावा यह ऐप्प हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, असमिया, बांग्ला, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और उड़िया भाषाओं में उपलब्ध है।

यह नया बहुभाषी ऐप्प एचडीएफसी सिक्योरिटीज के व्यापक डिजिटल प्रस्तावों का हिस्सा है, जो देश भर में व्यापक संख्या में लोगों, खास कर नये इक्विटी निवेशकों तक पहुँच बनायेगा और उनके लिए विभिन्न निवेश मार्ग खोलेगा।

इस नये डिजिटल अवतार के तहत शुरू अन्य पहलकदमियों में अगली पीढ़ी का कारोबार-सह-निवेश प्लेटफॉर्म शामिल है, जो ग्राहकों को पहले के मुकाबले 40% ज्यादा रफ्तार से सौदे पूरे करने की सहूलियत देगा। यह उन्हें पूर्णरूपेण विशेषीकृत डैशबोर्ड तक पहुँच भी देगा, जो ग्राहकों को उनकी जरूरत की सूचनाओं के आधार पर उनका निजी वर्कस्पेस बनाने की सुविधा देगा। इसकी डिजाइन भी इतनी सरल बनायी गयी है कि यह उन इलाकों में भी काम कर सके जहाँ केवल बुनियादी डेटा सेवाएँ हैं।

एक अन्य नवोन्मेष के रूप में ऑनलाइन रिलेशनशिप मैनेजर प्लेटफॉर्म भी डाला गया है, जो सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। यह प्लेटफॉर्म निवेश विकल्पों पर सूचनाएँ और पोर्टफोलिओ पर नजर रखने की सुविधा देने के साथ ही निवेश सलाह और चैट पर मदद की सुविधा भी देता है। अपनी तरह का यह पहला ऑनलाइन रिलेशनशिप प्लेटफॉर्म अन्य खासियतों के साथ ही अलर्ट और रिसर्च रिपोर्ट भी उपलब्ध करायेगा।

नयी पहलकदमियों के बारे में एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ धीरज रेली ने कहा, “एचडीएफसी सिक्योरिटीज में हर नयी पहल की पीछे उपभोक्ताओं की सहूलियत बढ़ाने की भावना होती है। हम निवेश को सबके लिए त्वरित और सरल बनाना चाहते हैं, चाहे वे महानगर में रहते हों या छोटे कस्बों में। भविष्य में निवेश न करने का कारण भाषाई बाधा या रिसर्च और सलाह का अभाव नहीं होना चाहिए। इन नयी डिजिटल पहलकदमियों की शुरुआत से हम उचित निवेश उत्पादों के साथ शहरों-कस्बों में पैठ बनाना चाहते हैं।”

बहुभाषी ऐप्प और नया ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एचडीएफसी बैंक के व्यापाक डिजिटल बैंकिंग अभियान ‘गो डिजिटल’ के अनुरूप है। यह अभियान पिछले साल ‘गो डिजिटल – बैंक आप की मुट्ठी में’ प्रस्ताव के साथ वाराणसी के बैंकों से शुरू हुआ था। इस अभियान ने मोबाइल फोन को बैंक की शाखा में तब्दील कर दिया था। तब से बैंक कई नये डिजिटल समाधानों को पेश कर चुका है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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