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अन्तर्राष्ट्रीय

एचआईवी संक्रमण से 11 लाख बच्चे बचाए गए : यूनिसेफ

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संयुक्त राष्ट्र| जानलेवा ह्यूमन इम्युनोडिफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के संक्रमण से 2005 से 2013 के बीच 15 वर्ष से कम आयु के करीब 11 लाख बच्चों को बचाया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की बाल कल्याण शाखा (यूनिसेफ) की ओर से विश्व एड्स दिवस (एक दिसंबर) से ठीक पहले शुक्रवार को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 2009 से 2013 के बीच बच्चों में एचआईवी संक्रमण के आंकड़े में 40 फीसदी तक कमी आई है।

रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, यद्यपि आंकड़े को 90 फीसदी तक कम करने का वैश्विक लक्ष्य अब भी पहुंच के बाहर है। एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं को प्रीवेंशन ऑफ मदर टू चाइल्ड ट्रांसमिशन (पीएमटीसीटी) और एचआईवी के जीवन र्पयत उपचार के माध्यम से गर्भस्थ शिशु में मां से एचआईवी के संक्रमण को रोका जा सकता है और मां के जीवन को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।

मालावी, इथोपिया, जिंबाब्वे, बोत्सवाना सहित आठ अफ्रीकी देशों में बच्चों में एचआईवी संक्रमण के आंकड़े में तेजी से गिरावट देखी गई है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथनी लेक ने कहा, “यदि हम 11 लाख बच्चों को एचआईवी संक्रमण से बचा सकते हैं, तो हर एक बच्चे को बचा सकते हैं, लेकिन यह तभी संभव होगा, जब हर एक बच्चे तक हमारी पहुंच होगी।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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