Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

एक साल में ‘जल सुरक्षा’ कानून बनाए केंद्र : राजेंद्र

Published

on

jal-purush, rajendra-singh

Loading

भोपाल। देश में नदियों की बदहाली और बढ़ते जल संकट के बीच ‘पानी वाले बाबा’ के नाम से मशहूर और मैगसेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह इन दिनों देशव्यापी नदी यात्रा पर हैं। राजेंद्र ने बुंदेलखंड प्रवास के दौरान कहा कि सभी लोगों के लिए समान जल अधिकार और जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आज के समय में ‘जल सुरक्षा’ कानून जरूरी हो गया है। उन्होंने यह कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार को एक वर्ष का समय दिया है। उनकी यह यात्रा अगले साल गणतंत्र दिवस तक चलेगी। इस दौरान वह देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर ‘जल जन जोड़ो’ अभियान के तहत लोगों में जागृति लाने के लिए कार्यक्रम व संवाद करेंगे।

राजेंद्र ने इस यात्रा के संदर्भ में कहा कि यह यात्रा देश में जल संरक्षण के निमित्त है, क्योंकि जब जल बचेगा, तभी जन बचेंगे। राजेंद्र ने अपने नेतृत्व में देश में ‘जल जन जोड़ो’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण, नदी पुनर्जीवन और जल संरचनाओं का संरक्षण और संवर्धन है। उनके मुताबिक ‘जल जन जोड़ो’ अभियान का मुख्य उद्देश्य जल के अधिकार को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व दिया जाना है। उनकी कोशिश है कि इस अभियान में सरकार से लेकर समाज के जिम्मेदार लोग शामिल हों, ताकि जल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

जल पुरुष के नाम से मशहूर, राजेंद्र ने बताया कि इस अभियान से 1200 से अधिक संस्थाएं और अलग-अलग वर्गों के लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान को 16 विश्वविद्यालयों से जोड़ा गया है। इनमें आईआईटी मुंबई, आईआईटी बनारस, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी लखनऊ, आईआईटी कर्नाटक, निर्मल निकेतन आदि से तकनीकी सहयोग प्राप्त हो रहा है।
राजेंद्र सिंह, अब तक अपनी नदी यात्रा के तहत कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र, हिमाचल और बुंदेलखंड की यात्रा कर चुके हैं। बुंदेलखंड प्रवास के दौरान उन्होंने चित्रकूट में मंदाकिनी नदी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस नदी का जल संकट किसी से छिपा नहीं है। नदियों को बचाने और उन्हें प्रदूषण मुक्त रखने की जिम्मेदारी सभी की है। उन्होंने बताया, “इस अभियान के प्रयासों का ही नतीजा रहा कि वर्ष 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र में जल के अधिकार के मुद्दे को शामिल किया गया। इस अभियान के तहत वर्ष 2014 में जल सुरक्षा विधेयक का एक प्रारूप भी तैयार किया गया। लोगों को अपने जीवन में गरिमा के साथ आवश्यक मात्रा में गुणवत्तापूर्ण जल की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करना इस विधेयक का मुख्य प्रावधान है।”

अभियान की आगामी योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर जल सुरक्षा कानून पर साझा बैठक कर राज्यस्तर पर जन सुनवाइयों का आयोजन किया जाएगा। राजेंद्र ने कहा, “जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां के राजनैतिक दलों के घोषणा पत्र में जल कानून को सम्मिलित कराने हेतु विशेष अभियान चलाए जाएंगे। श्रमदान एवं सामूहिक प्रयास से तालाबों एवं नदियों को पुर्नजीवित किया जाएगा।”

गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर जल सुरक्षा और उपयोगिता के लिए इस अभियान की शुरुआत अप्रैल 2013 में हुई थी। पिछले दो वर्षों में जल विशेषज्ञ, जल मुद्दों पर कार्य करने वाले नागरिक संगठन, नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि, युवा, शिक्षाविद, वैज्ञानिक और अन्य क्षेत्रों से संबंधित लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

Continue Reading

Trending