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‘एआईएडीएमके के लिए सामूहिक नेतृत्व समय की मांग’

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'एआईएडीएमके के लिए सामूहिक नेतृत्व समय की मांग'

चेन्नई | तमिलनाडु की सत्तारूढ़ एआईएडीएमके को अपने कार्यकर्ताओं का समर्थन हासिल करने के लिए एक सामूहिक नेतृत्व विकसित करने की जरूरत है, क्योंकि कार्यकर्ता पार्टी की मौजूदा व्यवस्था के खिलाफ हैं। एक पूर्व सांसद ने यह बात कही है। पूर्व लोकसभा सदस्य के.सी. पलनिस्वामी ने कहा, “जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की वर्तमान व्यवस्था के समर्थन में नहीं हैं। एक ही व्यक्ति के इर्दगिर्द घूमने वाली पार्टी के दिन समाप्त हो गए, जैसा कि दिवंगत मुख्यमंत्री एम.जी. रामचंद्रन (एमजीआर) और उनकी उत्तराधिकारी और दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता के समय में था।”

राज्यभर में पार्टी महासचिव वी.के. शशिकला के लिए व्यापक जनसमर्थन नहीं है। उनके पोस्टर और बैनर फाड़े जा रहे हैं।

पलनिस्वामी ने कहा, “जब से एआईएडीएम के विधायकों ने शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उन्हें विधायक दल का नेता चुना है, तब से सोशल मीडिया पर शशिकला विरोधी टिप्पणियां छाई हुई हैं। कोई भी पार्टी सदस्य ऑनलाइन उनका बचाव करने के मूड में नजर नहीं आ रहा।”

उन्होंने कहा कि 1984 में जब एम. जी. रामचंद्रन बीमार थे, तब पार्टी नेतृत्व एकजुट था और पार्टी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।

पलनिस्वामी और एआईएडीएम के अन्य नेताओं का मानना है कि शशिकला को आगे बढ़ने से पहले थोड़ा इंतजार करना चाहिए था।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर कहा, “शशिकला गुट ने पार्टी के सभी पदों पर अपने लोगों को नियुक्त किया है। वे सरकार में भी अपने लोगों को ही रखेंगे।”

उन्होंने कहा कि पार्टी को टूटने से बचाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का शशिकला के नेतृत्व को स्वीकार करना जरूरी है।

हालांकि यह माना जाता है कि शशिकला जयललिता की करीबी सहयोगी थीं, लेकिन पार्टी के भीतर और बाहर के लोग जानते थे कि शशिकला पीछे से प्रमुख राजनीतिक भूमिका निभा रही थीं।

पलनिस्वामी के मुताबिक, यदि मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शशिकला से कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा होता, तभी शशिकला गुट इंतजार करता, क्योंकि मूड उनके खिलाफ था।

पूर्व सांसद ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि पार्टी में टूट होगी, लेकिन वर्तमान नेतृत्व के प्रति कार्यकर्ताओं का समर्थन न होना, स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी के नतीजों को प्रभावित कर सकता है।

हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि हालिया घटनाक्रमों के कारण पार्टी के प्रति नकारात्मक माहौल बना है।

भाजपा के एक नेता ने कहा, “एआईएडीएम के लिए अब द्रमुक विरोधी मतों को खोने का खतरा पैदा हो गया है। अब लोग शशिकला और (डीएमके के कार्यकारी प्रमुख) स्टालिन की तुलना करेंगे।”

राजनीतिक विश्लेषक गनी शंकरन ने कहा, “सामूहिक नेतृत्व सभी दलों के लिए आदर्श है, लेकिन एआईएडीएमके में फिलहाल ऐसा नहीं होगा। वर्तमान नेतृत्व की परीक्षा चुनाव में ही होगी।”

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी काट डालने की धमकी देने वाला शख्स प्रयागराज से गिरफ्तार, रोते हुए बोला-गलती हो गई

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प्रयागराज। एक यू ट्यूबर से बात करते हुए सीएम योगी को काट डालने की धमकी देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी शख्स का नाम शमीम है। उसका एक वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ था जिसमें वो कह कह रहा था, ‘कौन है योगी आदित्यनाथ? अगर हिम्मत है तो हमारे लालगोपालगंज इलाके में आए। हमारे ऊपर बुलडोजर चलाकर दिखा दें। बकरा बनाकर काटेंगे। चैलेंज, खुल्ला चैलेंज।’

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी शमीम ने बताया कि नशे की हालत में यूट्यूबर ने उसे उकसाकर सीएम के लिए अपशब्द बुलवा लिए थे। नशा उतरने पर उसे अपनी गलती का आभास हुआ तो उसने यूट्यूबर से संपर्क कर माफी का वीडियो भी बनवाया और उसे अपलोड करने की बात कही। लेकिन उसने माफी वाला वीडियो जारी नहीं किया। इसके बाद उसने खुद माफ़ी मांगने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने का प्रयास किया था।

जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात में प्रयागराज पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पास चेकिंग के दौरान एक युवक को पकड़ा। जिसके पास से तमंचा कारतूस और देशी बम और चोरी का मोबाइल बरामद हुआ। पुलिस युवक को थाने लाकर पूछताछ की तो पता चला कि ये वही युवक है, जिसने कुछ दिनों पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ को काट डालने की धमकी दी थी। इस मामले में भी पुलिस ने आरोपी शमीम के खिलाफ केस भी दर्ज कर किया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम दिल्ली तक गयी थी लेकिन पुलिस से बचने के लिए ही वो दिल्ली से भागकर प्रयागराज पहुंच गया था और यहां पर छिपकर रह रहा था।

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