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अन्तर्राष्ट्रीय

ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में रूहानी की जीत

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तेहरान। ईरान में राष्ट्रपति हसन रूहानी ने देश में हुए 12वें राष्ट्रपति चुनाव में शनिवार को जबरदस्त जीत दर्ज की। देश में अधिक आजादी तथा विदेशों में कम से कम अलगाव की चाहत रखने वाले मतदाताओं ने खुलकर रूहानी का समर्थन किया। भारी मतदान के साथ देश के अधिकांश हिस्सों में मतदान केंद्र आधी रात तक खुले रहे, जिसने इस चिंता को खारिज कर दिया कि कमजोर अर्थव्यवस्था तथा बदलाव की धीमी गति के कारण उदारवादी मतदाता मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे।

ईरान के आंतरिक मामलों के मंत्री अब्दुलरेजा रहमानी-फाजली ने बताया कि कुल 4,12,20,131 वोट पड़े थे, जिनमें से रूहानी को 2,35,49,616 वोट (57 फीसदी) मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी इब्राहिम को 1,57,86,449 वोट (38.5 फीसदी) मिले।

वहीं, अन्य उम्मीदवारों मुस्तफा मीरसलीम को 4,78,215 और मुस्तफा हाशमी को 2,15,450 वोट मिले। सन् 1981 के बाद से लेकर अब तक कोई भी मौजूदा राष्ट्रपति दोबारा चुनाव जीतने में नाकाम नहीं हुआ, लेकिन रूहानी ने यह रिकार्ड तोड़ दिया।

देश के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह सैयद अली खामनेई ने देश में हुए दोनों चुनावों में व्यापक मतदान के लिए देशवासियों की प्रशंसा की।खामनेई ने कहा, “कल हुए चुनाव के विजेता आप (ईरानी लोग) और इस्लामी प्रतिष्ठान हैं, जो दुश्मनों की साजिश व प्रयासों के बावजूद इस महान राष्ट्र के बढ़ते विश्वास को हासिल करने में कामयाब रहे।”

उपराष्ट्रपति इशाक जहांगीरी ने सरकार के नारे की ओर इशारा करते हुए कहा, “मैं ‘ज्ञान और आशा’ के मार्ग की निरंतरता में एक विशाल और यादगार महाकाव्य के निर्माण में ईरानी राष्ट्र की महान जीत को बधाई देता हूं।”

यहां राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार को हुआ था, जिसके नतीजे शनिवार को घोषित किए गए। इस जीत को ईरान में सुधारवादी ताकतों की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। आधुनिक माने जाने वाले रूहानी ने पश्चिमी देशों के साथ संबंध सामान्य करने पर जोर दिया है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, रूहानी के प्रतिद्वंद्वी रेसी ने चुनाव में धांधली की शिकायत की है। उन्होंने मतदान केंद्रों पर रूहानी के समर्थकों द्वारा दुष्प्रचार का आरोप भी लगाया है।

ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए शुक्रवार को हुए मतदान के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकले मतदाताओं के उत्साह को देखते हुए मतदान की अवधि पांच घंटे के लिए बढ़ा दी गई थी। देश में करीब 70 मतदान हुआ था।

रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति रूहानी के पास अब अपने सुधार कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने, चरमपंथ खत्म करने, बाहरी दुनिया से संपर्क बढ़ाने तथा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़ा जनादेश है।

रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में 1985 से ही प्रत्येक निवर्तमान राष्ट्रपति का दोबारा चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन कामयाब नहीं हुए। इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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