Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

इस वजह से देशभर में बढ़ रहे है ब्रेस्ट कैंसर के मरीज, बरतें ये सावधानियां

Published

on

Loading

नई दिल्ली| विश्व स्वास्थ्य संगठन के अुनसार, भारत में हर साल पांच लाख लोग कैंसर से अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं। कैंसर रोगियों की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही, तो 2015 में यह मृत्युदर सात लाख तक पहुंच जाएगी। पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री (पीबीसीआर) के अनुसार, भारत में एक साल में करीब 1,44,000 नए स्तन कैंसर के रोगी सामने आ रहे हैं। गलत जीवनशैली और जागरूकता की कमी के चलते भारत में स्तन कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

विश्वभर में अक्टूबर माह स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर स्तन कैंसर रोग विशेषज्ञों ने रोग की स्थिति, कारण, बचाव और उपचार के बारे में बताया है।

स्वस्थ जीवनशैली से दूर रखें कैंसर :

बढ़ती उम्र, मोटापा, रजोस्त्राव का उम्र के साथ जल्दी आना और देर तक रहना, पहला बच्चा 30 की उम्र के बाद होना, स्तनपान कम या नहीं करवाना और अनुवांशिकता स्तन कैंसर की संभावना को बढ़ाता है। इसके साथ ही पिल्स या हार्मोस रिप्लेसमेंट थैरेपी (एचआरटी) का लंबे समय तक प्रयोग भी इसके लिए उतरदायी हो सकता है।

स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर इस रोग की संभावनाओं को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। सही उम्र में वैवाहिक जीवन की शुरुआत, गर्भनिरोधक गोलियों से दूरी, स्तनपान करवाने, शारीरिक रूप से स्वस्थ रहकर और शराब से दूरी बनाकर स्तन कैंसर की संभावनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

स्वयं स्तन परीक्षण है जरूरी :

बीएमसीएचआरसी रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष, सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निधि पाटनी का कहना है कि स्तन कैंसर की पहचान महिलाएं स्वयं स्तन परिक्षण (सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिन) के साथ भी कर सकती है। स्तन में गांठ का उभरना, स्तन के हिस्से में सूजन आना, स्तन के चारों ओर की त्वचा में परिवर्तन होना, स्तन या निप्पल में दर्द होना, निप्पल का मोटा होना या निप्पल में किसी तरल पदार्थ का निकलना, यह सभी स्तन कैंसर रोग के लक्षण हैं।

उन्होंने कहा, हाथ की उंगलियों का पैड बनाकर स्तन की गांठ, त्वचा का लचीलापन या आकार में परिवर्तन होने की पहचान की जा सकती है। यदि महिला, स्तन में परिवर्तनों में से कोई भी परिवर्तन देखती है तो उसे कैंसर चिकित्सक से परामर्श करने में देरी नहीं करनी चाहिए। स्तन कैंसर की पहचान के लिए मैमोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण जांच है, जिसके जरिए स्तन का एक्स-रे किया जाता है।

समय पर उपचार की शुरुआत जरूरी :

बीएमसीएचआरसी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष एंव सीनियर कंसल्टेंट डॉ. संजीव पाटनी ने बताया, कैंसर की मुख्य रूप से चार अवस्थाएं होती हैं। प्रथम और दूसरी अवस्था में रोग की पहचान और उपचार की शुरुआत हो जाने पर रोगी को कैंसर मुक्त करना संभव होता है, वहीं तीसरी या अंतिम अवस्था में उपचार की शुरुआत से रोगी की मृत्युदर बढ़ जाती है। जागरूकता की कमी के कारण देश में अधिकांश रोगियों में रोग की पहचान तीसरी या अंतिम अवस्था में होती है।

पाटनी ने कहा, यही कारण है कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या सर्वाधिक है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं स्वयं स्तन परिक्षण करें, 40 की उम्र के बाद मैमोग्राफी टेस्ट करवाएं। स्तन कैंसर की प्रारंभिक अवस्था में उपचार की शुरुआत से अब स्तन को हटाए बगैर उपचार कर रोगी को कैंसर मुक्त किया जा सकता है।

आधुनिक चिकित्सा से बढ़ते सरवाइवर :

भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमसीएचआरसी) जयपुर के कीमोथैरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय बापना ने बताया, आधुनिक चिकित्सा ने स्तन कैंसर के सफल इलाज की प्रतिशतता काफी बढ़ा दी है, जिसके चलते आज स्तन कैंसर सरवाइवर्स की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। आज बहुआयामी चिकित्सा पद्धती (मल्टीमोडयूलिटी ट्रीटमेंट प्रोसिजर) के कारण रोगी का उपचार उसकी स्थिति को देखते हुए सर्जरी, कीमोथैरेपी, हार्मोस थैरेपी और रेडिएशन थैरेपी के साथ तय किया जाता है। उपचार की पद्धती रोगी के रोग के आधार पर तय की जाती है।

इस तरह तेजी से बढ़ रहे हैं आंकड़े :

कैंसर रिसर्च की इंटरनेशनल रिसर्च एजेंसी ग्लोबेकेन में सामने आया है कि इंडिया में 2012 में 1,44,937 स्तन कैंसर रोगी महिलाएं इलाज के लिए सामने आई। वहीं इस साल 70,218 स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं ने दम तोड़ दिया। इस रिपोर्ट में सामने आया कि देश में स्तन कैंसर से पीड़ित हर दूसरे रोगी की मृत्यु हो रही है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसएमआर ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान में कैंसर के एक साल में 14.5 लाख नए मामले दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में 2020 में इन मामलों की संख्या 17.3 लाख तक पहुंच जाएगी।

आईसीएमआर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

Published

on

Loading

नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

Continue Reading

Trending