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अन्तर्राष्ट्रीय

इराक में विदेशी थल सेना को प्रवेश की अनुमति नहीं

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बगदाद| इराकी रक्षा मंत्री खालिद अल-उबैदी ने मंगलवार को कहा कि उनका देश आतंकवाद से लड़ने के लिए किसी भी विदेशी थल सेना को देश में प्रवेश देने की अनुमति नहीं देगा। उन्होंने कहा कि इराकी सेना आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को देश से हटाने में कामयाब रहेगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, उबैदी ने बगदाद से 350 किलोमीटर दूर धी कार में इराकी सुरक्षा बलों के एक समूह के स्नातक समारोह के बाद कहा, “इराकी सरकार इराक में किसी विदेशी थल सेना को प्रवेश की अनुमति नहीं देगी। जमीनी अभियान इराकी सेना द्वारा ही अच्छी तरीके से कर लिए जाएंगे।”

उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने उत्तरी और पश्चिमी इराक में आईएस आतंकवादियों के बहुत से ठिकानों पर बहुत से हवाई हमले किए, लेकिन अधिकतर प्रभावी हमले इराकी वायु सेना ने ही किए थे।

खालिद का यह बयान अमेरिकी रक्षा सचिव चक हेगेल के सोमवार के एक बयान की प्रतिक्रिया में आया, जिसमें हेगल ने कहा था कि अगर इराक आधिकारिक रूप से निवेदन करता है कि तो अमेरिका सुन्नी चरमपंथी आतंकवादियों से मुकाबले कि लिए इराक में थल सेना भी भेज सकता है।

इराक में 10 जून को इराकी सुरक्षा बलों और सैकड़ों आईएस आतंकवादियों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद से स्थिति बिगड़नी शुरू हो गई है। सेना द्वारा नीनवे और अन्य सुन्नी राज्यों में अपनी चौकियां छोड़ देने के बाद से आईएस इराक के उत्तरी शहर मोसुल और कई अन्य क्षेत्रों पर कब्जा कर चुका है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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