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इंदौर में दक्षिण एशिया के स्पीकरों का सम्मेलन 18 से

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इंदौर में दक्षिण एशिया के स्पीकरों का सम्मेलन 18 से

इंदौर | दक्षिण एशियाई देशों की संसदीय संस्थाओं के स्पीकरों (स्पीकर्स) का दो दिवसीय सम्मेलन 18 और 19 फरवरी को इंदौर में होने जा रहा है। यहां सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं। इंदौर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का संसदीय क्षेत्र है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस सम्मेलन में भारत सहित अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालद्वीप, म्यांमार, पाकिस्तान और श्रीलंका के स्पीकर्स और अन्य प्रतिनिधि भाग लेंगे। दो दिवसीय इस सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था पर व्यापक विचार-विमर्श होगा। साथ ही विभिन्न देशों में प्रचलित संसदीय व्यवस्थाओं पर तुलनात्मक विचार-विमर्श होने की भी संभावनाएं हैं।

आयोजन की तैयारियों को लेकर शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक संपन्न हुई। बैठक में लोकसभा सचिवालय के अपर सचिव अतुल कौशिक, संयुक्त सचिव पी़ सी़ कौल, इंदौर संभागायुक्त संजय दुबे, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजय शर्मा सहित आयोजन की विभिन्न व्यवस्थाओं से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

यह सम्मेलन इंदौर में पहली बार होने जा रहा है। इससे पहले यह सम्मेलन दिल्ली, मुंबई, गोवा जैसे शहरों में आयोजित होता रहा है। इसलिए व्यवस्थाओं पर विशेष जोर है। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे आयोजन की गरिमा के मुताबिक व्यवस्थाएं करें। सम्मेलन में प्रदेश के साथ-साथ देश की सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।

सम्मेलन में आने वाले अतिथियों को इंदौर सहित उसके आसपास के प्रमुख ऐतिहासिक तथा पर्यटक स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा। इनमें प्रमुख रूप से इंदौर का लालबाग पैलेस, राजबाड़ा व धार जिले का मांडू शामिल है।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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