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खेल-कूद

इंदिरा मैराथन में रशपाल और ज्योति अव्वल

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इलाहाबाद। सेना के रशपाल और लगातार चार बार की विजेता रही महाराष्ट्र की ज्योति शंकर राव ने बेहद शानदार करते हुए अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन दौड़ में क्रमश: पहला स्थान हासिल कर विजेता होने का गौरव हासिल किया। वर्ष 2013 के विजेता रशपाल सिंह ने 2017 में फिर चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने 42.195 किलोमीटर की दौड़ 2: 25: 33 सेकेंड में पूरा की। महिला वर्ग में चार बार की मैराथन विजेता ज्योति शंकर राव ने पांचवी बार 2: 54: 26 सेकंड का समय निकालकर 33वी अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन दौड़ में प्रथम स्थान पर रही। दोनो प्रथम विजेताओं को दो-दो लाख रुपये की नगद राशि प्रदान की गयी।
पुरुष वर्ग में दूसरे स्थान पर रहे इलाहाबाद के अनिल कुमार सिंह पटेल ने यह रेस 2:25:39 सेकंड और तीसरे नम्बर पर रहे कानपुर के आनंद सिंह ने यह रेस 2:25:51 सेकेंड में तय की। इसी प्रकार महिला वर्ग में गाजीपुर की अनीता चौधरी को दूसरा और वाराणसी की रानी यादव को तीसरा स्थान मिला।


पुरुष और महिला वर्ग में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले धावकों को क्रमश: एक लाख और 75 हजार रूपया दिया गया। दोनो वर्गो में चौथे से 14वें स्थान पर रहे धावकों को दस-दस हजार रुपये दिए गए।
क्रॉस कन्ट्री आठ किलोमीटर की दौड़ में (15-20 वर्ष) में इलाहाबाद के श्याम को प्रथम आने पर दस हजार रूपये इलाहाबाद के ही दूसरे स्थान पर रहने वाले धावक अनिल को पांच हजार और मुरादाबाद के तीसरे स्थान पर रहने वाले धावक को तीन हजार रुपये का इनाम दिया गया। महिला वर्ग में वाराणसी की अमृता पटेल को प्रथम आने पर दस हजार, इलाहाबाद की अंजलि पटेल को दूसरा स्थान हासिल करने पर पांच हजार और चंदौली की राजकुमारी को तीसरा स्थान हासिल करने पर तीन हजार रूपये दिये गये।
चार किलोमीटर की क्रॉस कन्ट्री रेस में (15 वर्ष) में इलाहाबाद हंडिया के प्रथम आने वाले आशीष कुमार को पांच हजार, दूसरे स्थान पर रहने वाले इलाहाबाद स्टेडियम के दुर्गेश कुमार को तीन हजार रुपये और तीसरा स्थान पाने वाले ज्ञानपुर भदोही के नीरज कुुमार को दो हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया। इसी प्रकार बच्चियों के ग्रुप में मऊआइमा इलाहाबाद निवासी पूजा पटेल को प्रथम आने पर पांच हजार, दूसरे स्थान पर रहने वाली इलाहाबाद की शिवानी चौरसिया को तीन हजार रूपये और तीसरे स्थान पर इलाहाबाद की रहने वाली नन्दिनी को दो हजार रूपये का पुरस्कार दिया गया।
आठ किलोमीटर की क्रॉस कन्ट्री रेस (15-20 वर्ष)में चौथे स्थान से 10वें स्थान तक और चार किलोमीटर की क्रॉस कन्ट्री रेस (15 वर्ष) में चार से दसवें स्थान तक के धावकों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में एक-एक हजार रुपये दिये गये।
मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में अर्जुन अवार्डी ओलंपियन अभिन्न श्याम गुप्ता ने धावकों में यह पुरस्कार बांटे।

खेल-कूद

मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि रिंकू सिंह टी 20 वर्ल्ड कप की टीम में जगह बनाए: शाहरुख खान

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मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान ने आगामी टी-20 विश्व कप के लिए अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह को भारतीय टीम में शामिल करने का सपोर्ट किया है। शाहरुख की इच्छा है कि रिंकू सिंह टी 20 वर्ल्ड कप खेलें। रिंकू की विश्व कप संभावनाओं को लेकर शाहरुख ने कहा, “ऐसे अद्भुत खिलाड़ी देश के लिए खेल रहे हैं। मैं वास्तव में रिंकू, इंशाअल्लाह और अन्य टीमों के कुछ अन्य युवाओं के विश्व कप टीम में होने का इंतजार कर रहा हूं। उनमें से कुछ इसके हकदार हैं, लेकिन मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि रिंकू टीम में जगह बनाये, मुझे बहुत खुशी होगी। वह मेरे लिए सर्वोच्च बिंदु होगा।”

शाहरुख़ ने आगे कहा, ‘मैं बस यही चाहता हूं कि वे खुश महसूस करें और जब मैं इन लड़कों को खेलते हुए देखता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं खुद एक खिलाड़ी के रूप में जी रहा हूं। खासकर रिंकू और नितीश जैसे खिलाड़ियों में मैं खुद को उनमें देखता हूं। जब वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो मुझे वास्तव में खुशी होती है।” ऐसी दुनिया में जहां सफलता को अक्सर विशेषाधिकार और अवसर के साथ जोड़ा जाता है, शाहरुख खान और रिंकू सिंह की कहानियां एक अनुस्मारक के रूप में काम करती हैं कि महानता लचीलापन, दृढ़ संकल्प और सभी बाधाओं के बावजूद अपने सपनों को आगे बढ़ाने के साहस से पैदा होती है।’

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक श्रमिक वर्ग के परिवार में जन्मे रिंकू सिंह को क्रिकेट स्टारडम की राह में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। साधारण परिवेश में पले-बढ़े रिंकू के परिवार को गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, उनके पिता एलपीजी सिलेंडर डिलीवरी मैन के रूप में काम करते हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। सफाईकर्मी की नौकरी की पेशकश के बावजूद, रिंकू ने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून का पालन किया, उनका मानना ​​था कि यह उन्हें अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

 

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