Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

इंदिरा जयसिंह भी आप के समर्थन में

Published

on

नई दिल्ली,आम आदमी पार्टी,उप-राज्यपाल,इंदिरा जयसिंह,केजरीवाल सरकार

Loading

नई दिल्ली | दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और उप-राज्यपाल के बीच नौकरशाहों की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी करने के मामले में वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने केजरीवाल सरकार का समर्थन किया है। केंद्र ने अपनी अधिसूचना में उप-राज्यपाल के अधिकारों का उल्लेख करते हुए कहा है कि नौकरशाहों की नियुक्ति का अधिकार भी उन्हीं के पास है। आप सरकार द्वारा मांगी गई कानूनी सलाह पर अपने जवाब में इंदिरा जयसिंह ने लिखा है, “21 मई, 2015 को जारी की गई अधिसूचना केंद्र सरकार और राष्ट्रपति के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। दिल्ली सरकार के पास एंट्री-41 के तहत आने वाले विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है और इस तरह समव्यापी कार्यकारी शक्तियां है।”

उन्होंने कहा, “लोकसेवकों को काम का आवंटन दिल्ली सरकार का प्रशासनिक और कार्यकारी कामकाज है।” उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार अथवा राष्ट्रपति के पास सेवाओं से जुड़ी शक्तियों का इस्तेमाल और कार्य निष्पादन उप-राज्यपाल को सौंपने का कोई अधिकार नहीं है।” उन्होंने कहा, “आईएएस (कैडर) नियमों के नियम संख्या 7(ब) के साथ नियम संख्या 3(2) और नियम संख्या 2(ग) दिल्ली सरकार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार देते हैं।”

जयसिंह ने अपनी कानूनी सलाह में कहा है, “कार्य संचालन नियमों की नियम संख्या 23 (वीए) के मुताबिक उप-राज्यपाल को भेजी जाने वाली सभी फाइलें मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के माध्यम से भेजी जाएंगी।” इससे पहले वरिष्ठ वकील के.के. वेणुगोपाल और गोपाल सुब्रमण्यम ने आप सरकार का समर्थन करते हुए गृहमंत्रालय की अधिसूचना को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया था।

गृहमंत्रालय ने गुरुवार को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस, भूमि और सेवाओं (भारतीय प्रशासनिक सेवाओं) से संबंधित मामले उप-राज्यपाल नजीब जंग के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। केंद्र सरकार ने यह अधिसूचना आप सरकार और उप-राज्यपाल के बीच नौकरशाहों की तैनाती और तबादले को लेकर चल रहे विवाद के बाद जारी की थी। इस मामले को लेकर दोनों पक्षों ने राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी।

नेशनल

रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

Published

on

Loading

लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

Continue Reading

Trending