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नगरोटा में एक और बड़ा आतंकी हमला, सात जवानों की मौत, नोटबंदी, पीओके में सर्जिकल स्ट्रा इक

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नगरोटा में एक और बड़ा आतंकी हमला, सात जवानों की मौत, नोटबंदी, पीओके में सर्जिकल स्ट्रा इक

terrorist attack in j&k

दिवाकर मिश्रा

जम्‍मू कश्‍मीर के नगरोटा में एक और बड़ा आतंकी हमला, दो अधिकारियों सहित सात जवानों की मौत और हम व्‍यस्‍त हैं नोटबंदी से उपजी सामयिक दिक्‍कतों पर बहस करने में, राजनीतिक रूप से एक दूसरे को शह-मात देने के खेल में और युवराज सिंह की शादी में। हर आतंकी हमले के बाद कहा जाता है एक कायराना हमले में हमारे इतने सैनिक शहीद हो गए।

मैं कहता हूं कहां यह कायराना हमला है वो एक के बाद एक हमले किए जा रहे हैं और हम उसे कायराना हमले का नाम दे रहे हैं। सच तो यह है कि यह एक साहसिक नहीं बल्कि दुस्‍साहसिक हमला है भारत की अस्मिता पर, भारत की अखंडता और भारत की क्षमता पर।

पीओके में सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद जिस तरह से हमारे कुछ राजनेताओं ने सवाल उठाए उससे इन आतंकियों और इनके आकाओं का मनोबल बढ़ना तय था क्‍योंकि वो जानते हैं कि भारत सरकार द्वारा कार्यवाही करने पर भी और न करने पर भी सवाल उठाने वाले राजनीतिज्ञों की संख्‍या भारत में बहुत अधिक है।

क्‍या हम इस एक मुद्दे राष्‍ट्रीय सुरक्षा पर भी एक नहीं हो सकते? क्‍या हमारी संसद एकसुर से हमारे नापाक पड़ोसी के खिलाफ किसी भी सरकार द्वारा की गई किसी भी कार्यवाही का समर्थन नहीं कर सकती?

सवाल वही है कि जब भाजपा सत्‍ता में रहेगी तो कांग्रेस उसके हर सही गलत कार्य का विरोध कर अपना विरोध दर्ज कराएगी और जब कांग्रेस सत्‍ता में रहेगी तो यही काम भाजपा करेगी। भारत के सभी राजनीतिक दल अपने निजी स्‍वार्थों में इतना लिप्‍त हो चुके हैं कि उन्‍हें राष्‍ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मसले पर भी एक होने की जरूरत महसूस नहीं होती लेकिन जनता तो इतनी स्‍वार्थी नहीं हो सकती। वो अपने लगातार शहीद होते जवानों का शव ढोते-ढोते थक गई है इसलिए चीख-चीखकर कह रही है कि इस नापाक पड़ोसी को एकबार ढंग से सबक सिखा दो।

वैसे इस समय भारत राजनैतिक, आर्थिक व सैन्‍य रूप से इतना सबल है कि यदि वो पाकिस्‍तान पर कोई कठोर निर्णय लेता है तो विश्‍व जनमत के उसके खिलाफ जाने की उम्‍मीद काफी कम है। चीन या उस जैसे कुछ भारत विरोधी देशों को छोड़ दें तो दुनिया के अधिकांश मुल्‍क पाकिस्‍तान की आतंक परस्‍त नीति को पहचान चुके हैं। ऐसे में भारत के पास यह सुनहरा अवसर है जब वह पाकिस्‍तान को अच्‍छी तरह सबक सिखा सकता है।

जहां तक परमाणु हथियारों के प्रयोग की बात है तो इतिहास गवाह है कि पाकिस्‍तान हमेशा से परमाणु युद्ध की गीदड़भभकी देता आया है यदि हम इस बात से डरते रहे तो इसी तरह जवानों की शहादत देखने के लिए तैयार रहना चाहिए।

कहा गया है कि ऑफेंस इज द बेस्‍ट डिफेंस (आक्रमण ही सबसे अच्‍छी सुरक्षा है) और फिर शठे शाठ्यम समाचरेत की नीति पूरी तरह से पाकिस्‍तान के लिए ही बनी है। ऐसे में अच्‍छा हो यदि केंद्र सरकार जल्‍द से जल्‍द निर्णय लेकर पाकिस्‍तान को कड़ा सबक सिखाए और हां इसमें किसी विपक्षी दल के विरोध से निराश या हताश होने की जरूरत नहीं है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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