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इंटेक्स नए सॉफ्टवेयर के साथ पेश करेगी स्मार्टफोन

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शंघाई| भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कंपनी इंटेक्स टेक्न ोलॉजीज ने गुरुवार को कहा कि वह जल्द ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म स्नैपडील पर एक स्मार्टफोन पेश करेगी, जो नए सेलफिश ऑपरेटिंग सिस्टम 2.0 पर चलेगा, जिसका उपयोग अभी फिनलैंड का जोला फोन कर रहा है, जिसके पास इस ऑपरेटिंग सिस्टम का स्वामित्व भी है।

इंटेक्स के अधिकारियों ने यहां कहा कि जोला के साथ इस साझेदारी से इंटेक्स अपने स्मार्टफोन में सेलफिश ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करने वाली दुनिया की दूसरी कंपनी बन जाएगी।

सेलफिश ऑपरेटिंग सिस्टम इस मायने में खास है कि इसका संचालन हाथ की मुद्राओं या स्वैपिंग से किया जा सकता है। इसका यह भी मतलब है कि इसपर आधारित फोन का संचालन सिर्फ एक हाथ से किया जा सकता है।

अधिकारियों ने कहा कि इंटेक्स के फोन में एप्स के लिए सेलफिश स्टोर भी होगा। जोला ने एंड्रायड पर काम करने वाले एप्स को भी सहयोग देने का वादा किया है।

जोला के कार्यकारी अध्यक्ष एंटी सारनियो ने कहा, “हमारी ब्रिक्स देशों से संबंधित रणनीतिक के तहत हम भारत में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, जो मोबाइल के भविष्य में एक सबसे महत्वपूर्ण बाजार है। हमने देखा है कि भारतीय मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों और डिजिटल मीडिया कंपनियों में इसे लेकर काफी उत्सुकता है और अभी मोबाइल फोन में उपयोग किए जा रहे ऑपरेटिंग सिस्टम का विकल्प चाह रहे हैं।”

स्मार्टफोन में क्वोलकॉम स्नैपड्रैगन प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाएगा और वह 4जी एलटीई अनुकूल होगा।

इंटेक्स ने कहा कि स्मार्टफोन अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बाजार में आ सकता है।

कंपनी के मुताबिक, फोन की कीमत 10 हजार रुपये के करीब होगी।

इंटेक्स के निदेशक केशव बंसल ने कहा, “मोबाइल का भविष्य सॉफ्टवेयर में है, जिससे हम उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव और अधिक विकल्प दे सकते हैं।”

देश में इंटेक्स फोन की बाजार हिस्सेदारी अभी 10.7 फीसदी है। कंपनी अभी मोजिला के फायरफॉक्स आपरेटिंग सिस्टम पर भी स्मार्टफोन बेच रही है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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