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बिजनेस

रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में बदलाव नहीं

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने मौजूदा वित्तीय वर्ष की पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का ऐलान किया। इसके तहत रेपो दर को बिना किसी बदलाव के 6.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया।

रिवर्स रेपो दर भी बिना किसी बदलाव के 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रही। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह चार प्रतिशत पर कायम है। रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्प अवधि के लिए ऋण देता है, जबकि रिवर्स रेपो दर वह दर होती है, जो रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि के लिए जमा राशि पर ब्याज के रूप में देता है।

इसके साथ ही सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई ने वर्ष 2015-16 के लिए विकास दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर कायम रखा है। बैंक ने साथ ही कहा कि जनवरी 2016 के लिए छह फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य भी हासिल करने के दायरे में है और यह उससे कम भी रह सकती है।

राजन ने आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था को देख रहे हैं, जो दुरुस्त है और उसमें प्रगति हो रही है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में चिंता भी बनी हुई है।” उन्होंने कहा कि जनवरी के बाद से रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 125 आधार अंकों की कटौती की है और इसका आधा से भी कम वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ग्राहकों को स्थानांतरित किया गया है।

राजन ने कहा, “औसत आधार ऋण दर में सिर्फ 60 आधार अंकों की कटौती की गई है।” राजन ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि मौद्रिक नीति में सख्ती लाने की कोई योजना नहीं है।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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