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बिजनेस

आरबीआई ने जनता को सावधान किया

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चेन्नई, आरबीआई, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन, 'ऑल बैंक बैलेंस एन्क्वायरी नंबर', मोबाइल नंबर

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चेन्नई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को जनता को सावधान करते हुए कहा कि आरबीआई ने अभी तक ऐसा कोई सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन पेश नहीं किया है, जिसकी मदद से लोग विभिन्न बैंक खातों में अपनी जमा धनराशि का पता लगा सकें। आरबीआई ने बयान जारी कर कहा कि ऐसा पता चला है कि आजकल व्हाट्सएप्प पर ऐसा सॉफ्टवेयर एप्प चर्चा में है, जिससे ग्राहक अपने बैंक खातों में जमा धनराशि का पता लगा सकते हैं।

इस सॉफ्टेवयर एप्प पर ‘ऑल बैंक बैलेंस एन्क्वायरी नंबर’ शीर्षक के साथ आरबीआई का लोगो (प्रतीक चिन्ह) लगा है और यह मोबाइल नंबर या कॉल सेंटर नंबर के साथ कई बैंकों में सूचीबद्ध है। आरबीआई ने कहा, “रिजर्व बैंक स्पष्ट करना चाहता है कि उसने इस तरह के किसी एप्प का विकास नहीं किया है। इस एप्प के इस्तेमाल का जोखिम और इसकी जिम्मेदारी जनता की होगी।”

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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