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आरबीआई की दरों में कटौती की संभावना नगण्य : विशेषज्ञ

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आरबीआई, सीआरआर, एसएलआर, रघुराम राजन, गवर्नर

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मुंबई| वित्तीय उद्योग के जानकारों ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दरों में कटौती किए जाने की संभावना को खारिज कर दिया। रिजर्व बैंक सात अप्रैल को 2015-16 की प्रथम द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। कार्वी समूह के फंडामेंटर रिसर्च खंड के प्रमुख जगन्नाधम थुनुगुंटला ने  कहा, “इस बार गवर्नर रघुराम राजन दरों को जस का तस छोड़ सकते हैं। अभी निगाह देश के बाहर के घटनाक्रमों और ब्याज दर बढ़ाने की अमेरिकी फेडरल रिजर्व की योजना पर रहेगी।” रेपो दर अभी 7.50 फीसदी है, जिसमें इस साल दो बार निर्धारित समय से अलग हटते हुए आरबीआई ने कटौती की है। रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से छोटी अवधि के लिए कर्ज लेते हैं।

जियोजीत बीएनपी पारिबास के उपाध्यक्ष गौरंग शाह ने कहा, “कटाई के समय बेमौसमी बारिश के कारण फसलों की व्यापक तबाही के कारण खाद्य महंगाई बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके कारण भी दरों में कटौती की संभावना नहीं है।” जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी के मुताबिक भावी परिदृश्य पर आरबीआई के बयान की भाषा से भविष्य में कटौती का अनुमान लगाना संभव होगा। नेवगी ने कहा, “आखिरी बार हुई कटौती के बाद अब तक वाणिज्यिक बैंकों ने अपनी दरें नहीं घटाई हैं।” जियोजीत बीएनपी पारिबास फाइनेंशियल सर्विसिस के फंडामेंटर रिसर्च खंड के प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रेपो दर में कटौती की संभावना नहीं है, लेकिन आरबीआई नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में कटौती कर और भावी परिदृश्य के मूल्यांकन के जरिए बाजार को चौंका सकता है।

नायर के मुताबिक, महंगाई के ताजा आंकड़े अभी कटौती के अनुकूल नहीं है और 25 आधार अंकों की कटौती जून तक हो सकती है। नायर ने कहा, “सीआरआर में कटौती कर आरबीआई बाजार में और तरलता बढ़ा सकता है ताकि बैंक अपनी दरें घटाए। आरबीआई मुख्य दरों में कटौती करने से पहले चौथी तिमाही में एनपीए सरलीकरण के फायदे का आकलन करना चाहेगा।” 2013 के बाद से अब तक सीआरआर चार फीसदी बरकरार है। आरबीआई ने हालांकि फरवरी 2015 में एसएलआर में 50 आधार अंकों की कटौती की थी।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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