Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

आगामी वर्षों में चीन से आगे रहेगा भारत : संयुक्त राष्ट्र

Published

on

growth rate

Loading

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने भारत की विकास दर का अनुमान मौजूदा वर्ष के लिए 1.7 फीसदी बढ़ाकर 7.6 फीसदी और अगले वर्ष के लिए 1.4 फीसदी बढ़ाकर 7.7 फीसदी कर दिया और स्पष्ट संकेत दिया कि देश की विकास दर आने वाले वर्षों में चीन से अधिक रहेगी।

विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट-2015 की मंगलवार को जारी छमाही समीक्षा में यह अनुमान जारी किया गया है कहा गया है कि देश के तेज विकास का कारण राष्ट्रीय आय की गणना के तरीके में किया गया बदलाव है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले एक साल के शासनकाल के दौरान नीतियों में किए गए बदलाव का कोई जिक्र नहीं है। संयुक्त राष्ट्र विकास नीति एवं विश्लेषण विभाग (यूएनडीईएसए) की मूल रिपोर्ट जनवरी में जारी की गई थी। उसमें भारत की विकास दर इस साल के लिए 5.9 फीसदी और अगले साल के लिए 6.3 फीसदी रखा गया था।

ताजा रिपोर्ट में कहा गया है, “इस बदलाव से अधिकांशत: देश की तेज विकास दर का पता चलता है, जिसके तहत गणना के तरीके और आंकड़ों के स्रोत में किए गए हाल के बदलाव के कारण गत दो साल में विकास दर काफी अधिक दर्ज की गई है।” रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत की विकास दर 2015 में 7.6 फीसदी और 2016 में 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है।” मूल रिपोर्ट और ताजा समीक्षा में चीन की विकास दर इस साल के लिए सात फीसदी और अगले साल के लिए 6.8 फीसदी रखा गया है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

उल्लेखनीय है कि विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे प्रमुख वैश्विक संगठनों ने भी भारतीय विकास दर का ऊंचा अनुमान व्यक्त किया है और इसमें ऊपर की ओर संशोधन किया है। गत सप्ताह भी संयुक्त राष्ट्र के एशिया और प्रशांत के लिए आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारतीय विकास दर इस वर्ष 8.1 फीसदी और अगले साल 8.2 फीसदी रह सकती है। यह अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों द्वारा जारी किया गया अब तक का सबसे ऊंचा अनुमान है।

यूएनडीईएसए के आर्थिक मामलों के अधिकारी और भारतीय विशेषज्ञ इंगो पिटरले ने यहां मंगलवार को कहा कि तेज विकास दर की वापसी से भारत में निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। पिटरले ने कहा कि भारत के अधिकारियों ने गत दो साल में बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहा, “2013 में भारत को तुर्की, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के साथ एक समूह में रखा गया था, जिसकी अर्थव्यवस्था संकट ग्रस्त थी।” उन्होंने कहा कि आज आप उन्ही संकेतकों को देखेंगे, तो सभी में व्यापक फर्क पाएंगे। भारत की आर्थिक नीति के बारे में पिटरले ने कहा, “केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जो भी बदलाव किए गए हैं, वे सही दिशा में किए गए हैं।”

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

Published

on

Loading

नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

Continue Reading

Trending