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आईओसी कहेगी तभी आईओए का पद छोडूंगा : चौटाला

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abhay-singh-chautaनई दिल्ली। भंग हो चुकी भारतीय एमैच्योर मुक्केबाजी महासंघ (आईएबीएफ) के अध्यक्ष रह चुके अभय सिंह चौटाला ने गुरुवार को कहा कि वह अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के कहने पर ही भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के आजीवन मानद अध्यक्ष का पद छोड़ेंगे। राष्ट्रमंडल खेलों में घोटाले को आरोपी सुरेश कलमाड़ी और चौटाला को मंगलवार को आईओए ने अपना आजीवन मानद अध्यक्ष नियुक्त किया।

हालांकि खेल मंत्रालय द्वारा सभी संबंध खत्म करने की चेतावनी देने के बाद कलमाड़ी ने तो पद ग्रहण करने से इनकार कर दिया, लेकिन चौटाला ने इस तरह की कोई मंशा नहीं जाहिर की है। चौटाला ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर लिखा है कि जब आईओसी कहेगी तभी मैं इस पद को छोडूंगा।

चौटाला ने ट्वीट किया है, “मैं तभी आईओए में अपना पद छोड़ूंगा जब आईओसी मेरे खिलाफ फैसला देगी। आईओए के अध्यक्ष जल्द ही इसे आईओसी के समक्ष ले जाने वाले हैं।”

पूर्व खेल मंत्री अजय माकन और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने भी आईओए के इस फैसले की आलोचना की। इस विवाद के बाद कलमाड़ी ने कहा था कि वह यह पद तब तक स्वीकार नहीं करेंगे जब तक वह निर्दोष साबित नहीं हो जाते, लेकिन चौटाला ने ऐसा करने से साफ इनकार किया है।

हॉकी इंडिया (एचआई) ने भी आईओए के फैसले पर आपत्ती जताई है और उसके अध्यक्ष एन. रामचंद्रन को गुरुवार को इस मामले में पत्र भी लिखा है। एचआई की अध्यक्ष मरियम कोशी ने पत्र में कहा, “हॉकी इंडिया अंतिम समय पर जल्दबाजी में सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को बिना चर्चा आईओए के आजीवन अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले का विरोध करती है।”

पत्र में लिखा है, “सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को अजीवन अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव के लिए पड़े वोटों में से हॉकी इंडिया के तीन मतों को विरोध में गिना जाए।” वहीं चौटाला ने एक बयान जारी कर कहा है कि उनके अध्यक्ष रहते भारतीय मुक्केबाजी की स्थिति बेहतर हुई। उन्होंने बयान में खुद को पाक साफ बताया है।

चौटाला ने कहा, “मैंने 25 वर्षो से भारतीय खेल की निष्पक्ष होकर सेवा की है और भारतीय खेल को बढ़ाने में अपना योगदान दिया है, खासकर मुक्केबाजी में। मैं इस बात से खुश हूं कि मैं हरियाणा से आता हूं जहां हमारी सरकार ने खिलाडय़िों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाईं और अब उसके खिलाड़ी देश में ओलम्पिक आंदोलन के सूत्रधार बने हुए हैं।”

चौटाला ने कहा, “मैं जब आईएबीएफ का अध्यक्ष था तभी बीजिंग ओलम्पिक-2008 में विजेंदर सिंह ने कांस्य पदक जीता था। मैं इस बात से भी खुश हूं कि मैरी कॉम ने लंदन ओलम्पिक-2012 में कांस्य पदक अपने नाम किया था।

उन्होंने कहा, “मैंने खेल की सेवा निष्पक्ष भाव से की है और खेल तथा खिलाडय़िों को बढ़ावा देने के लिए सबकुछ करुं गा। मुझे 2012 में सर्वसम्मति से आईओए का अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन 2013 मैं मैंने इस पद को इसलिए त्याग दिया ताकि आईओए संविधान में सुधार हो सके और इसी सुधार के कारण मैं दोबारा आईओए का अध्यक्ष बन सका।”

चौटाला ने बुधवार को खेल मंत्री विजय गोयल के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। चौटाला ने आईओए के फैसले पर आ रहीं प्रतिक्रियाओंपर हैरानी भी जताई।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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