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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका के साथ भिड़ंत व्यावहारिक सच्चाई : चीन

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अमेरिका के साथ भिड़ंत व्यावहारिक सच्चाई : चीन

बीजिंग | आने वाले समय में चीन व अमेरिका के बीच भिड़ंत के संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि चीन की सेना के अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका के साथ युद्ध एक व्यावहारिक सच्चाई बन गई है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की आधिकारिक वेबसाइट पर एक लेख में केंद्रीय सैन्य आयोग में नेशनल डिफेंस मोबिलाइजेशन के अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका एशिया में अपनी रणनीति को पुन: संतुलित करने में लगा है। पूर्वी व दक्षिण चीन सागर में सेना की तैनाती तथा दक्षिण कोरिया में मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती आग भड़काने के लिए चिंगारी का काम कर रहे हैं।

साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट ने लेख के हवाले से कहा, “राष्ट्रपति (अमेरिकी) के कार्यकाल के दौरान युद्ध या आज रात ही युद्ध की शुरुआत अब केवल नारा नहीं रहा। वे अब व्यावहारिक सच्चाई का रूप लेने जा रहे हैं।”

आधिकारिक पीपुल्स डेली ने रविवार को एक अन्य लेख में कहा कि चीन की सेना विदेशी उकसावे के मद्देनजर, समुद्र में सैन्य अभ्यास करेगी।

चीन का एकमात्र विमान वाहक पोत लियाओनिंग पिछले महीने ताइवान जलडमरूमध्य से होकर गुजरा था।

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनातनी में लगातार इजाफा हो रहा है। ताइवान तथा दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर ललकार कर उन्होंने चीन को क्रोधित कर दिया है।

ट्रंप ने ‘वन चाइना नीति’ को चुनौती दी, जो ताइवान को चीन को हिस्सा बताता है। बीते चार दशकों में अमेरिका की किसी सरकार ने ऐसा नहीं किया था।

ट्रंप ने दक्षिण चीन सागर में चीन की संप्रभुता को खुल्लमखुल्ला चुनौती दी, जबकि पिछले राष्ट्रपति बराक ओबामा इस मुद्दे पर तटस्थ रहे थे। उन्होंने हालांकि नौवहन की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए विवादित सागर में अमेरिकी युद्धक विमानों को भेजा था।

व्हाइट हाउस के नए प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा दखल को रोकेगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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