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अन्तर्राष्ट्रीय

अब सऊदी अरब में महिलाओं को मिलेगी खुली छूट

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नई दिल्ली। सऊदी अरब सरकार महिलाओं के प्रति बेहद सख्त कानून का पालन करती है। वहां महिलाओं को हर वो आजादी नहीं है जो दुनिया भर में आमतौर पर दी गई है लेकिन पिछले कुछ समय से सऊदी सरकार महिलाओं के प्रति नर्मी बरत रही है। सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग करने के बाद अब स्पोर्ट्स स्टेडियम में भी एंट्री मिल गई है।

सऊदी अरब के तीन बड़े शहरों रियाद, जेद्दा और दम्माम में लोग परिवार के साथ स्टेडियम में दाखिल हो सकेंगे। सऊदी महिलाओं को और ज़्यादा आजादी दिए जाने की दिशा में ये ताजा कदम है। सऊदी अरब में महिलाओं के जीने के तौर तरीकों के लेकर कड़े नियम कायदे हैं लेकिन हाल ही में सऊदी सरकार ने महिलाओं की ड्राइविंग पर लगाए प्रतिबंध को हटाकर ऐतिहासिक कदम उठाया था।

जनरल स्पोर्टस अथॉरिटी ने बताया कि 2018 की शुरुआत में रियाध, जेद्दा और दमान में लोग अपने परिवारों के साथ जा सकेंगे। इन तीनों स्टेडियम में रेस्टोरेंट, कैफे और मॉनीटर स्क्रीनस को सेट किया गया है। पिछले महीने 100 महिलाओं को रियाद में स्पोर्टस स्टेडियम में जाने की अनुमति मिली थी।

सऊदी अरब के खेल प्राधिकरण ने कहा है कि स्टेडियमों में महिलाओं के लिए जरूरी इंतजाम कर दिए जाएंगे ताकि साल 2018 की शुरुआत तक वहां लोग अपने परिवारों के साथ जा सकें।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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