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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान में 138 तालिबान आतंकवादी ढेर

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काबुल| पूर्वी अफगानिस्तान के पहाड़ी इलाकों में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों के हवाई हमलों में 138 तालिबान आतंकवादियों को मार गिराया गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों के साथ लड़ाई में अफगानिस्तान के सात जवान भी शहीद हो गए।

सेना के प्रवक्ता हारून यूसुफजई ने बताया कि कुनार प्रांत के डंगम जिले में सोमवार को अफगान सुरक्षा बलों ने तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ जमीनी जंग छेड़ी थी, जबकि नाटो ने हवाई हमला किया था।

प्रवक्ता ने बताया कि मरने वाले तालिबान आतंकवादियों में से 17 ने पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहन रखी थी।

यूसुफजई ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा के साथ लगती डंगम जिले में 10 दिन पहले करीब 1200 पाकिस्तानी और अफगान जिहादियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाना शुरू किया था।

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने कई जगहों पर सड़कें तोड़ दी थीं, जबकि कई स्थानों पर पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े रखकर मार्ग बंद कर दिया था। उन्होंने जगह-जगह विस्फोट किए और भूमिगत सुरंगें भी बिछा रखी थी। शैंक शहर में उन्होंने एक समन्वय केंद्र भी बना रखा था, जहां सैकड़ों तालिबान आतंकवादी उस वक्त जमा थे, जब नाटो की ओर से बमबारी हुई।

उधर, एक बयान में तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने जोर देकर कहा कि उनके गुट के लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। तालिबान क्षेत्र में अपना प्रभाव जमाने के लिए प्रतिबद्ध है। उसने दावा किया कि अफगानिस्तान के सैनिकों को इस लड़ाई में नुकसान उठाना पड़ा।

अफगानिस्तान की सेना के कमांडर मुराद अली ने मंगलवार को अफगानिस्तान की सीनेट में बताया कि सेना की सबसे बड़ी समस्या उसे हवाई आड़ नहीं मिलना है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन से सहयोग नहीं मिलता है तो अफगानिस्तान के जमीनी सुरक्षा बलों को नुकसान झेलना पड़ेगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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