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सिल्वर जुबली समारोह में तल्ख अखिलेश बोले- तलवार दी पर चलाने का अधिकार नहीं

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akhilesh angryलखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) की स्थापना के रजत जयंती समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच का टकराव एक बार फिर सामने आया। अखिलेश ने कहा, तलवार तो देते हो पर उसे चलाने का अधिकार नहीं देते। जब तलवार दी गई है तो चलाऊंगा ही।

शिवपाल ने अपने भाषण के दौरान अखिलेश यादव पर जमकर वार किया और कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री का पद नहीं चाहिए और जरूरत पडऩे पर वह अपना खून भी देने को तैयार हैं। शिवपाल के बाद जब अखिलेश ने माइक संभाली तो उन्होंने भी पलटवार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

लखनऊ के जनेश्वर पार्क में आयोजित कार्यक्रम में अखिलेश ने राममनोहर लोहिया के एक बयान का सहारा लेकर पलटवार किया। उन्होंने कहा, लोहिया जी ने कहा था कि लोग सुनेंगे जरूर, लेकिन मेरे मरने के बाद। मैं दूसरे शब्दों में कह रहा हूं कि लोग समाजवादी पार्टी की सुनेंगे जरूर, लेकिन पार्टी के बिगडऩे के बाद।

इशारों में अपने दर्द को बयान करते हुए अखिलेश ने कहा, आप लोग मुझे तलवार भेंट करते हो, लेकिन चाहते हो कि तलवार नहीं चलाऊं। विचारधारा को बचाने के लिए तलवार चलानी जरूरी है। उन्होंने कहा, मैं परीक्षा देने को तैयार हूं, नेताजी ने यह पार्टी बहुत संघर्ष और खून-पसीना बहाकर बनाई है, मैं उन्हें धन्यवाद करता हूं। हमने काफी लंबा रास्ता तय किया है और अब हम समाजवादी पार्टी को नए स्तर पर ले जाएंगे। हमें साथ मिलकर यह काम करना होगा। किसी को परीक्षा देने की जरूरत नहीं है, किसी को परीक्षा देनी है तो मैं तैयार हूं।

अखिलेश ने भरोसा जताया कि सपा को आगामी विधानसभा चुनावों में जीत हासिल होगी और उनकी ही पार्टी की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा, उप्र का आगामी विधानसभा चुनाव देश के सियासी भविष्य को तय करेगा। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम दुबारा सत्ता में आएंगे और सांप्रदायिक ताकतों को कामयाब नहीं होने देंगे।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि इस पार्टी ने लोगों के बीच दूरियां पैदा की हैं। उप्र ने भाजपा को 70 से ज्यादा सांसद दिए पर इस प्रदेश को विकास का लाभ नहीं मिला। उन्होंने सपा सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि सबसे ज्यादा लैपटॉप बांटा, महिला पेंशन और विकास के अनेक कार्य किए हैं।

अखिलेश ने साफ किया कि वह विकास के एजेंडे पर ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि तरक्की के रास्ते के अलावा लोगों की भलाई का और कोई तरीका नहीं है। उन्होंने कहा, सपा को कभी कंप्यूटर विरोधी कहा जाता था, लेकिन आज हम लैपटॉप और स्मार्टफोन बांट रहे हैं। समाजवादी विचारधारा ही हर वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाएगी। विकास के रास्ते पर चलकर ही लोगों की जिंदगी बदलेगी।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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