Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

अंशु गुप्ता, संजीव चतुर्वेदी रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के उप सचिव संजीव चतुर्वेदी को बुधवार को क्रमश: नेतृत्व क्षमता और भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रेमन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन ने कहा है कि अंशु को यह सम्मान उनके रचनात्मक दृष्टिकोण और नेतृत्व क्षमता के लिए दिया गया है। उनके नेतृत्व में शहरों में अनुपयोगी समझे जाने वाली वस्तुओं, खासकर वस्त्रों का इस्तेमाल जिस तरह वंचित वर्ग की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए किया जाता है, वह प्रशंसनीय है।

फाउंडेशन ने यह भी कहा है कि अंशु ने दुनिया को यह याद दिलाया है कि सच्चे कार्य का मतलब मानवीय गरिमा का सम्मान करना और उसे संरक्षित करना है। वहीं, एम्स के पूर्व सतर्कता अधिकारी संजीव (40) के बारे में फाउंडेशन की ओर से कहा गया है कि उन्हें यह अवार्ड सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए दिया गया है। उनके द्वारा ईमानदारी, साहस और दृढ़ता के साथ इसमें किसी तरह का समझौता नहीं करना सराहनीय है।

रेमन मैगसेसे पुरस्कार की शुरुआत 1957 में हुई थी, जिसे एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। संजीव ने कहा, “यह पुरस्कार भगवान की कृपा से प्राप्त हुई है। मुझे किसी को जवाब नहीं देना पड़ा, ईश्वर ने खुद ही दे दिया।” भारतीय वन्य सेवा के 2002 बैच के अधिकारी रहे संजीव ने एम्स का मुख्य सतर्कता अधिकारी रहते हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें दिल्ली सरकार में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में नियुक्त करने की मांग की है, जिसकी मंजूरी अभी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से नहीं मिल पाई है।

वहीं, अंशु गैर सरकारी संगठन ‘गूंज’ के प्रमुख हैं, जो पुराने कपड़ों तथा सामग्रियों का दोबारा इस्तेमाल कर इसे मूल्यवान वस्तुओं में तब्दील करते हैं, जिसका मकसद एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है जो धन-आधारित नहीं, बल्कि कूड़ा-करकट आधारित हो। इस घोषणा से खुश अंशु ने कहा, “मैं इस अवार्ड को पाकर वाकई बहुत खुश हूं। हमारे काम को पहचान मिली है।” रेमन मैगसेसे पाने वालों में लाओस के कोमाली चांथावोंग, फिलीपींस के फर्नाडो-अमीलबांस्गा (फिलीपींस) और म्यांमार के क्याव थु भी शामिल हैं। मैगसेसे पुरस्कार फिलीपींस के तीसरे राष्ट्रपति रेमन मैगसेसे की स्मृति में दिया जाता है।

यह पुरस्कार हर साल एशिया के उन व्यक्तियों या संस्थानों को दिया जाता है, जिनमें रेमन मैगसेसे की तरह निस्वार्थ सेवा करने और दुनिया को बदलने की क्षमता मौजूद हो। इस वर्ष पुरस्कार पाने वाली ये पांच हस्तियां उन 307 लोगों के समूह में शामिल हो जाएंगी, जिन्हें अब तक यह पुरस्कार मिल चुका है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

Published

on

Loading

श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

Continue Reading

Trending