मुख्य समाचार
हताश हो गए हैं मांझी : जद (यू)
पटना| जनता दल (युनाइटेड) ने बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा दो मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश को उनकी हताशा का परिणाम बताया है। जद (यू) के महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता क़े सी़ त्यागी ने शनिवार को बताया कि शाम चार बजे के बाद मांझी न तो जद (यू) में रहेंगे और न ही विधायक दल के नेता। मंत्रियों को बर्खास्त करने की उनकी यह अनुशंसा उनकी हताशा का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि मांझी को मंत्रियों को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है। मांझी अल्पमत में हैं और ऐसे में उनकी अनुशंसा राज्यपाल को नहीं माननी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मांझी ने शुक्रवार देर रात पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह और वन एवं पर्यावरण मंत्री पी़ क़े शाही को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से की है। दोनों नेता पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं।
गौरतलब है कि जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने भी राज्यपाल को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री की किसी अनुशंसा को न मानने का अनुरोध किया है। शरद ने अपने पत्र में कहा है कि मांझी अल्पमत में हैं।
मालूम हो कि बिहार में सत्ता के लिए मांझी और नीतीश के बीच आर-पार की लड़ाई उस समय शुरू हुई जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने शनिवार को पार्टी विधानमंडल दल की बैठक बुलाई। मांझी ने बैठक को असंवैधानिक बताते हुए उसमें शामिल होने से इंकार कर दिया। मांझी ने 20 फरवरी को विधायक दल की बैठक बुलाई है।
नेशनल
राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।
मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।
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