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बुलंदशहर केस: आजम के विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं स्वीकारा माफीनामा
नई दिल्ली। बुलंदशहर सामूहिक दुष्कर्म मामले में विवादित बयान देने वाले यूपी सरकार में वरिष्ठ मंत्री और सपा नेता आजम खां के माफीनामे को सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आजम 15 दिसंबर तक फिर नया माफीनामा दाखिल करें।
कोर्ट ने हलफनामे में एक पैराग्राफ पर सवाल उठाया और कहा कि इफ यानी यदि मेरे बयान से दुख पहुंचा है… कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हलफनामा इफ से शुरू होता है तो ये बिना शर्त माफी नहीं है। बता दें कि 17 नवम्बर को सुनवाई के दौरान आजम ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह पीडि़तों से बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं। उन्होंने यह पेशकश अपने उस बयान के लिए की थी, जिसमें दुष्कर्म की वारदात को एक राजनीतिक साजिश कहा था। खां ने कहा कि वह इस संबंध में हलफनामा दायर करेंगे कि उनकी मंशा कभी भी पीडि़तों को दुख पहुंचाने की नहीं थी। लेकिन यदि पीडि़त (महिला और उसकी बेटी) दुखी और अपमानित हुए हैं तो वह बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार हैं। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि बिना शर्त माफीनामा का हलफनामा कैसा हो, ये भी सुनवाई हो सकती है।
यह वारदात 29 जुलाई की रात में हुई थी। इसमें बुलंदशहर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-91 पर दोस्तपुर गांव के पास 34 वर्षीया महिला और उसकी किशोरी बेटी को उनकी कार से खींचकर उनके साथ पांच-छह बदमाशों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। कार में नोएडा में रहने वाले परिवार के छह सदस्य सवार थे।
नेशनल
राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।
मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।
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