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बुंदेलखंड के इस हिस्से में गुलजार हुई गरीबों की गलियां, मिठाई, कपड़े व पटाखे बंटे

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छतरपुर/झांसी| देश का हिस्सा कोई भी हो, हर जगह गरीबों के लिए पेट की आग बुझाने के आगे त्योहार मनाना बेमानी लगता है, बुंदेलखंड की बात की जाए तो यहां के हालात और भी बुरे हैं। इसके बावजूद यहां के कुछ लोगों ने गरीबों की दीपावली में उजियारा (रोशनी) करने की कोशिश की है। कहीं मिठाई व कपड़े बंटे तो कहीं पूजन सामग्री, दीपक और पटाखे।

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बुंदेलखंड वैसे दो राज्यों मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है, मगर सहयोग की भावना हर तरफ है। दीपावली का पर्व आया तो लगभग हर तरफ उन गरीब और कमजोर वर्ग के तबके की लोगों की याद आई जो शायद ही दीपावली पर अपने घरों में दीपक जला पाते।

छतरपुर के पुलिस उप महानिरीक्षक के.सी. जैन ने हर थाना क्षेत्र की गरीब बस्तियों में रहने वालों तक दीपावली का उपहार पहुंचाने की योजना बनाई। जैन बताते हैं कि गरीब परिवारों की स्थिति को देखते हुए पुलिस की ओर से एक गिफ्ट हैंपर बनाया गया, जिसमें पूजन सामग्री, दीपक, तेल, मिठाई आदि रखी गई। यह सामग्री उन परिवारों को प्रदान की गई जो दीपावली जैसे पर्व को भी आसानी से नहीं मना पाते।

 

जैन का कहना है कि इस इलाके में एक वर्ग ऐसा भी है, जिनकी माली हालत अच्छी नहीं है, लिहाजा उनके लिए त्योहार की आवश्यक सामग्री खरीदना संभव नहीं होता और उनका यह पर्व अंधेरे में ही गुजर जाता है। इसी को ध्यान में रखकर पुलिस ने यह पहल की।

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इसी तरह झांसी में उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल ने विभिन्न समाज सेवियों के सहयोग से सखी के हनुमान मंदिर के पास स्थित गरीबों की बस्ती में जाकर मिठाई, कपड़े आदि वितरित किए।

मंडल के अध्यक्ष संजय पटवारी का कहना है कि दीपावली सब की उजियारे वाली हो, इसी को ध्यान में रखकर समाज सेवी लोगों ने यह पहल की। गरीब बस्ती के परिवारों के लिए दीपावली जैसे त्योहार का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसा करने नहीं देती।

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पटवारी ने आगे बताया कि बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गो को जैसे ही दीपावली मनाने के लिए सामग्री दी गई तो उनके चेहरे खिल उठे। बच्चे जहां उछल रहे थे, वहीं बुजुर्गो की आंखें भर आई थीं। इंसानियत यही है कि हम सबका ख्याल रखने की कोशिश करें।

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. ममता दासानी का कहना है कि त्योहारों के वक्त गरीबों की मदद करना अच्छी बात है, ताकि वे भी उत्साह और खुशी के साथ त्योहार मना सकें। वहीं दूसरी ओर उस दिशा में भी प्रयास होना चाहिए, जिससे उनमें अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का हुनर आए। यह भी कोशिश की जाना चाहिए कि उनके बच्चे पढ़े, ताकि उनका आने वाला समय और भी बेहतर हो।

उजाले के पर्व दीपावली में हर तरफ रोशनी होगी, पटाखे चलेंगे, लोग उत्सव के रंग में रंगे होंगे, वहीं एक वर्ग ऐसा भी होगा जो सिर्फ आकाश में रोशनी देखकर खुश हो लेगा। त्योहार मनाने से दूर रहने वाले इस वर्ग के गिनती में कम परिवार ही सही, मगर उनको भी खुशी के साथ यह पर्व मनाने का मौका मिला है। संपन्न वर्ग इसी तरह से इस वर्ग के बारे में सोचने लगे तो गरीबों के हालात बदलते देर नहीं लगेगी।

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पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया दुःख, दार्जिलिंग रवाना

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुःख जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है, NFR जोन में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

बता दें कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ट्रेन के लोको पायलट भी शामिल हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे का कहना है कि लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं और उन्हें पास के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। हम बचाव अभियान को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कंचनजंगा को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी है। हमें 8 लोगों की मौत की जानकारी मिली है।

पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी इसके कारण के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी लेकिन आधुनिक समय में इसकी जांच और गहन सुधार की आवश्यकता है। मैं अनुमान लगा रहा हूं कि संभवतः यह इंजन ‘कवच’ (एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली) नहीं थी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार सुधारात्मक कार्रवाई करेगी।

 

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