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प्रादेशिक

अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र पर फोड़ रहे हैं सीएमः डा.वाजपेयी

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लखनऊ, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, भारतीय जनता पार्टी, सांसदों के धरने, डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा भारतीय जनता पार्टी के सांसदों के धरने को लेकर केन्द्र सरकार पर किये गये हमले पर पलटवार करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मुख्यमंत्री के बयान को जनता को गुमराह करने वाला बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने नाकामियों का ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ने की कोशिश कर रहे है।

डा0 बाजपेयी ने आज विभिन्न दलों से आये कई प्रमुख नेताओं को भाजपा की सदस्यता भी दिलाई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि राज्य की कानून व्यवस्था न सुधरी और विकास कार्यो को लेकर राज्य सरकार भेदभाव करेगी तो सपा सरकार के खिलाफ भाजपा राष्ट्रपति को चार्जशीट सौपेंगी। पार्टी के राज्य मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मुख्यमंत्री के बयान पर सिलसिलेवार हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नेशनल हाइवे के अनुरक्षण का मुद्दा उठा रहे हैं पर राज्य के अंतर्गत आने वाले हाइवे के हालात पर मौन क्यू है?

डा0 बाजपेयी ने कहा भारत सरकार ने उ0प्र0 के साढ़े सात हजार किलो मीटर लम्बे राजमार्गो में से साढ़े तीन हजार किलोमीटर राजमार्ग जिस पर ट्रैफिक काफी कम मात्रा में चलता हैं उसके अनुरक्षण के लिए राज्य सरकार को पहले 30 करोड़ और बाद में 150 करोड़ रूपये दिये जबकि 4 हजार किमी. राजमार्ग जिस पर हैवी ट्रेफिक चलता है उसके अनुरंक्षण के लिए दो सौ करोड़ रूपये केन्द्र सरकार द्वारा खर्च किये जा चुके है और आगे भी कार्य जारी रखने के लिए अनुरक्षण के लिए धनराशि भी जारी कर दी गयी है।

डा0 बाजपेयी ने मुख्यमंत्री को स्मरण दिलाते हुए कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवाहन मंत्री नितिन गडकरी ने उ0प्र0 के सड़कों के निर्माण/चैड़ीकरण के लिए 17 हजार करोड़ रूपये तुरंत आवंटित कर दिये थे जबकि 31 दिसम्बर 2015 तक राज्य में 50 हजार करोड़ रूपये से सड़कों का निर्माण शुरू हो जायेगा।

डा0 बाजपेयी ने वाराणसी-आजमगढ़, सुल्तानपुर-वाराणसी, मुरादाबाद-बरेली, वाराणसी-गोरखपुर, आगरा-अलीगढ़, अलीगढ़-कानपुर, गाजियाबाद-अलीगढ़ सहित कई अन्य सड़कों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सड़कों के निर्माण कार्य/चैड़ीकरण की स्वीकृत केन्द्र सरकार द्वारा दी जा चुकी है। जिनमें से कई सड़कों का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है और कई पर यथाशीघ्र प्रारम्भ हो जायेगा। लेकिन मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार द्वारा सड़क निर्माण को लेकर किये जा रहे प्रयासों की अनदेखी करते हुए जनता को गुमराह कर रहे है।

प्रदेश में व्याप्त बिजली संकट के लिए केन्द्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने से नाराज डा0 बाजपेयी ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के समक्ष उ0प्र0 द्वारा एक भी युनिट बिजली की अतिरिक्त मांग को लेकर कोई पत्र लम्बित नहीं है। उन्होंने  बिजली संकट के लिए सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि रिलायंस और बजाज से मंहगी बिजली खरीदकर अधिकारी और नेता कमीशन खोरी में जुटे है।

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में कोयले का संकट होने के वाबजूद सपा-बसपा की सरकारे मौन साधे रही है। लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में राज्य में विद्युत ईकाईयों के पास 25 से 29 दिनों का कोयले का स्टाक हैं। यही नहीं उ0प्र0 में बिजली संकट दूर हो सके इसके लिए केन्द्र सरकार ने उ0प्र0 को झारखण्ड में 524 मिलियन मिट्रिक टन की व्यवस्था की।

डा0 बाजपेयी ने गन्ना किसानों के मुद्दे पर सपा सरकार को घेरते हुए कहा कि सपा-बसपा की सरकारों के कार्यकाल में कितनी चीनी मिलें बंद हो गयी मुख्यमंत्री बताये ? उन्होंने कहा उच्च न्यायालय के बार-बार आदेश करने के बावजूद अखिलेश सरकार ने किसानों के गन्ना बकाये के भुगतान के लिए कोई प्रबंध नहीं किया। बाद में केन्द्र की मोदी सरकार ने गन्ना किसानों की तकलीफो को ध्यान में रखते हुए 6 हजार करोड़ रूपये ब्याज मुक्त चीनी मिलों को दिया ताकि गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान हो सके।

डा0 बाजपेयी ने 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किये जाने के मुद्दें पर मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि बसपा सरकार ने केन्द्र को प्रस्ताव कब भेजा, सपा सरकार ने प्रस्ताव कब भेजा शायद मुख्यमंत्री यह भुल गये है। उन्होंने कहा केन्द्र में यूपीए सरकार में सहयोगी रही सपा-बसपा ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर उक्त प्रस्ताव को मंजूर करने के लिए मजबूर क्यों नहीं किया।

डा0 बाजपेयी ने गोरखपुर में निषाद समुदाय के लोगो पर सपा सरकार द्वारा बरती गयी बर्बता पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री से पूछा कि अभी तक सहजनवां में गोली किसने चलवाई यह क्यों नहीं बताया जा रहा है। उन्होंने कहा निषाद समुदाय के सैकड़ो लोग अभी भी जेलो में किसके आदेश पर बंद हैं।

 

उत्तर प्रदेश

अवध शिल्प ग्राम में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रिया को गति देगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर उसे उत्तम प्रदेश बनाने के सपने को हकीकत की शक्ल दे रही योगी सरकार प्रदेश के समेकित विकास के लिए लगातार कार्यरत है। एक ओर, प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए महत्वकांक्षी लक्ष्य की ओर उत्तर प्रदेश ने सीएम योगी के मार्गदर्शन में कदम बढ़ा दिए हैं, वहीं प्रदेश में उत्तम नागरिक सुविधाएं व वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में भी विस्तृत कार्ययोजना के अंतर्गत कार्य हो रहा है। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश में तीन यूनिटी मॉल के निर्माण का कार्य भी जारी है जिनमें लखनऊ, आगरा व वाराणसी मुख्य हैं। लखनऊ में अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल का निर्माण कार्य निरंतर जारी है तथा इस प्रक्रिया में और तेजी लाते हुए योगी सरकार ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट (पीएमसी) एजेंसी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को शुरू करते हुए निविदा जारी कर दी हैं जिससे कार्यावंटन का मार्ग सुनिश्चित होगा।

पीएमसी निर्धारण से निर्माण प्रक्रिया में आएगी तेजी

योजना विभाग द्वारा अवध शिल्प ग्राम के सेक्टर 9 में यूनिटी मॉल की निर्माण प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए जिस पीएमसी को नियुक्त किया जाएगा वह कई मायने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। पीएमसी द्वारा रेगुलर मॉनिटरिंग और समय-समय पर दी जाने वाली रिपोर्ट्स न केवल इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निर्धारण में निर्णायक सिद्ध होगी बल्कि इसके जरिए सभी निर्माण कार्यों को ट्रैक करने व उसी आधार पर कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त होगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से निविदा प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और जुलाई के पहले हफ्ते में कार्यावंटन हो जाएगा। कार्यावंटन के बाद 75 दिनों में कन्सलटेंसी को आर्किटेक्चरल डिजाइन प्रस्तुत करना होगा जिस पर स्वीकृति के बाद 18 महीने में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा। इस दौरान 36 महीने का डिफेक्ट लाइबिलिटी पीरियड (डीएलपी) भी लागू रहेगा।

कई प्रकार के निर्माण कार्यों का मार्ग होगा सुनिश्चित

यूनिटी मॉल के निर्माण व विकास के लिए परियोजना के अंतर्गत कई संरचनात्मक कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अंतर्गत रचनात्मक इनडोर स्पेसेस के निर्माण, उचित स्थान नियोजन के साथ ही यहां की जरूरतों के अनुसार विभिन्न कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाएगा। कम रखरखाव के साथ ही उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विद्युत, यांत्रिक और अन्य सेवाओं के एकीकृत डिजाइन पर काम होगा। पर्यावरण के मानकों के पालन के साथ ही हरित भवन, उत्तम वेंटिलेशन, जलवायु अनुकूल वास्तुकला, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के साथ जल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जाएगा।

200 नॉन एसी, 34 एसी शॉप्स का होगा निर्माण, 30 वर्ष की लीज पर होगा अलॉटमेंट

यूनिटी मॉल के विकास की जो कार्ययोजना क्रियान्वित की जा रही है, उसके अनुसार परिसर में 200 नॉन एसी तथा 34 एसी शॉप्स का निर्माण किया जाएगा। इन दुकानों को 30 वर्ष की लीज पर अलॉट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यूनिटी मॉल में एग्जिबिशन हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, फूड कोर्ट, वातानुकूलित एट्रियम, फायर एग्जिट समेत तमाम निर्माण कार्यों को पूर्ण जाएगा। 60 करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय के जरिए इस पूरी परियोजना पूर्ण किया जाएगा।

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