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नेशनल

आरकॉम की सिस्तेमा अधिग्रहण की याचिका स्वीकृत

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मुंबई| बम्बई उच्च न्यायालय ने सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसेज का विलय करने से संबंधित रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के एक आवेदन को स्वीकार करते हुए उसे निर्देश दिया है कि इस मुद्दे पर वह आठ मार्च को शेयरधारकों की एक बैठक बुलाए। कंपनी ने यह जानकारी एक बयान जारी कर दी। आरकॉम ने कहा, “रिलायंस कम्युनिकेशंस इस बैठक के लिए नोटिस तैयार कर रही है, जिसे शेयरधारकों को भेजा जाएगा और इस संबंध में जरूरी कदम उठा रही है।”

कंपनी ने कहा कि अदालत द्वारा निर्देशित इस बैठक के लिए निदेशक आर.एन. भारद्वाज को अध्यक्ष नामित किया गया है।

अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम ने गत वर्ष नवंबर में कहा था कि वह रूस की कंपनी सिस्तेमा का भारतीय कारोबार खरीदना चाहती है, जो एमटीएस ब्रांड से काम कर रहा है।

इस सौदे के तहत एमटीएस कारोबार को पहले रूसी कंपनी से अलग किया जाएगा और उसके बाद आरकॉम में उसका विलय किया जाएगा।

विलय से पहले एमटीएस को अपने मौजूदा कर्ज उतारने होंगे और विलय के बाद एमटीएस के शेयरधारकों को आरकॉम की 10 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी।

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका- नहीं लौटेगा बैलेट पेपर, न EVM और VVPAT का 100 फीसदी मिलान

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बैलट पेपर की मांग वाली भी दो याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। कोर्ट के इस फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट की पर्च‍ियों से म‍िलान नहीं होगा। आपको बता दें क‍ि कई संगठनों ने यह याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए।

चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था।

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