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मिलावटी दूध से बचना जरूरी: हर्षवर्धन

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मिलावटी दूध से बचना जरूरी हर्षवर्धन

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मिलावटी दूध से बचना जरूरी हर्षवर्धन

नई दिल्ली| केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, भारत के तीन में से दो नागरिक डिटर्जेट, कॉस्टिक सोडा, यूरिया और पेंट वाल दूध पीते हैं। देश में बिकने वाला 68 प्रतिशत दूध देश की खाद्य उत्पाद नियंत्रक संस्था एफएसएसएआई के मापदंडों पर खरा नहीं उतरता। देश के 200,000 गांव से दूध एकत्रित करके बेचा जाता है। मिलावटी दूध से बचने का सबसे सटीक तरीका दूध उबालना है, जिससे सभी बैक्टीरिया मर जाते हैं। पिछले साल अमेरिका सरकार की एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2016 मंे बढ़ती आबादी के अनुपात में दूध की खपत में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ यह 62.75 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगी।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. एस.एस. अग्रवाल और आईएमए के ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि मिलावटी दूध का शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। यूरिया, कॉस्टिक सोडा और इसमें मौजूद फोरमेलिन से गैस्ट्रोएंट्रटिटिस से लेकर इम्पेयरमेंट, दिल के रोग, कैंसर और मौत तक हो सकती है।

उन्होंने कहा कि डिटर्जेट से पाचन तंत्र की गड़बड़ियां और फूड पॉयजनिंग हो सकती है। उच्च एल्केलाइन से शरीर के तंतु क्षतिग्रस्त और प्रोटीन नष्ट हो सकते हैं। इन खतरों को देखते हुए बचाव जरूरी है।

एफएसएसएआई के ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक, दूध में पानी की मिलावट सबसे ज्यादा होती है, जिससे इसकी पौष्टिकता कम हो जाती है। अगर पानी में कीटनाशक और भारी धातुएं मौजूद हों तो ये सेहत के लिए खतरा हैं। दूध को उबालना इसका हल है।

इसके साथ ही 46 प्रतिशत सैंपल लो सॉलिड नॉट फैट की श्रेणी के पाए गए, जिसकी मुख्य वजह पानी की मिलावट है। कमी के मौसम में दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते स्किमड मिल्क पाउडर के 548 नमूनों में से 477 नमूनों में ग्लूकोज पाया गया।

दूध के रख-रखाव और पैकेजिंग के समय साफ-सफाई का ध्यान न रखे जाने की वजह से आस पास प्रयोग हुआ डिटर्जेंट दूध में चला जाता है। कई बार यह जान बूझ कर डाला जाता है। 8 प्रतिशत नमूनों में डिटर्जेंट पाया गया।

इस तरह करें जांच :

* पानी : ढलान वाली सतह पर दूध की एक बूंद डालें। शुद्ध दूध की बूंद धीरे-धीरे सफेद लकीर छोड़ते हुए जाएगी, जबकि पानी की मिलवाट वाली बूंद बिना कोई निशान छोड़े बह जाएगी।

* स्टार्च : लोडीन का टिंक्च र और लोडीन सॉल्यूशन में कुछ बूंदे डालें, अगर वह नीली हो जाएं तो समझे कि वह स्टार्च है।

* यूरिया : एक चम्मच दूध को टेस्ट ट्यूब में डालें। उसमें आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर का पाउडर डालें। अच्छी तरह से मिला लें। पांच मिनट बाद, एक लाल लिटमस पेपर डालें, आधे मिनट बाद अगर रंग लाल से नीला हो जाए तो दूध में यूरिया है।

* डिटर्जेंट : 5 से 10 एमएल दूध को उतने ही पानी में मिला के हिलाएं। अगर झाग बनती है तो इसमें समझिए डिटर्जेंट है।

* सिन्थेटिक दूध : सिन्थेटिक दूध का स्वाद कड़वा होता है, उंगलियों के बीच रगड़ने से साबुन जैसा लगता है और गर्म करने पर पीला हो जाता है।

सिन्थेटिक दूध में प्रोटीन की मात्रा है या नहीं, इसकी जांच दवा की दुकान पर मिलने वाली यूरीज स्ट्रिप से की जा सकती है। इसके साथ मिली रंगों की सूची दूध में यूरिया की मात्रा बता देगी।

नेशनल

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर

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बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि एक नागरिक और दो सैनिक घायल हो गए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक लश्कर का डिवीजनल कमांडर उस्मान और आतंक का पर्याय बने लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के कमांडर बासित डार के फंसे होने की संभावना है। रात 12:30 बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ भागने का प्रयास किया और उसके बाद दोनों ओर से गोलाबारी शुरू हुई है। बीते 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों व सुरक्षाबल के बीच दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पूर्व मंगलवार को बांडीपोरा के रेंजी अरागाम में मुठभेड़ में भी दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी सोपोर में किसी जगह अपने संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। ये आतंकी चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में मुखबिरों को सक्रिय किया। शाम सात बजे के करीब जब सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए चक मोहल्ले में आगे बढ़ रहे तो मस्जिद से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया।

जवानों ने जवाबी फायर कर आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। जवानों ने आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान फारूक अहमद नामक एक स्थानीय नागरिक के कंधे पर गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक लैब टैक्निशियन है। इस भिड़ंत में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है

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