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अन्तर्राष्ट्रीय

नासा का खुलासा; लापता नहीं हुआ चंद्रयान, अब भी कर रहा चंद्रमा की परिक्रमा

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वाशिंगटन। भारत का पहला चंद्र मिशन, चंद्रयान-1 अंतरिक्ष यान अभी भी चंद्रमा का परिक्रमा कर रहा है। नासा के वैज्ञानिकों को अंतरग्रही राडार की नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से इसका पता चला है। इस चंद्रयान को सामान्य रूप से गायब मान लिया गया था।

चंद्रयान-1 को 22 अक्टूबर, 2008 को छोड़ा गया था और मुश्किल से साल भर बाद ही 29 अगस्त, 2009 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का इससे संपर्क टूट गया था। वैज्ञानिकों ने कहा है कि चंद्रयान-1 चंद्रमा की सतह से करीब 200 किमी ऊपर अभी भी चक्कर लगा रहा है।

वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-1 को पाए जाने के अलावा चंद्रमा के चारों तरफ नासा के चंद्र निगरानी अंतरिक्ष यान (लुनर रिकानिसंस आर्बिटर) के होने का भी संकेत दिया है। नासा के पासाडेना में जेट प्रणोदन प्रयोगशाला के एक राडार वैज्ञानिक मरीना ब्रोजोविक ने कहा, “हम नासा के लुनर रिकानिसंस आर्बिटर (एलआरओ) और इसरो के चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान की चंद्रमा की कक्षा में जमीन पर स्थित राडार से पहचान करने में सक्षम रहे हैं।”

ब्रोजोविक ने गुरुवार के नासा के बयान में कहा, “एलआरओ को खोजना आसान था, क्योंकि हम मिशन नेविगेटर के साथ काम कर रहे थे और हमारे पास इसकी कक्षीय स्थिति से जुड़े आकंड़े थे। इसकी तुलना में भारतीय चंद्रयान-1 की पहचान करने में थोड़ा ज्यादा कार्य करना पड़ा, क्योंकि अंतरिक्षयान से अगस्त 2009 में संपर्क टूट गया था।”

पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित स्थान और अंतरिक्ष मलबे का पता लगाना एक प्रौद्योगिकी चुनौती हो सकती है। इन वस्तुओं का पृथ्वी के चंद्रमा के चारों ओर की कक्षा में पता लगाना और भी ज्यादा कठिन है।

चंद्रमा की चमक में छिपी छोटी वस्तुओं का पता लगाने में ऑप्टिकल दूरबीन असमर्थ हैं। हालांकि, अंतरग्रही राडार की नई प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों से जेपीएल के वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक चंद्रमा का चक्कर लगा रहे दो अंतरिक्ष यानों की स्थिति का पता लगा लिया। शोधकर्ताओं का मानना है कि नई प्रौद्योगिकी से चंद्र मिशन के योजनाकारों को मदद मिलेगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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