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नेशनल

लालू सीबीआई के समक्ष पेश नहीं हुए, 15 दिन की मोहलत मांगी

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नई दिल्ली, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद एक बार फिर सोमवार को पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश नहीं हुए। तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद द्वारा आईआरसीटीसी के दो होटलों को निजी कंपनी को सौंपने में हुई कथित अनियमितता की जांच के मामले में उन्हें सीबीआई के समक्ष पेश होना था। ऐसा एक महीने में दूसरी बार हुआ है, जब वह सीबीआई के समक्ष पेश नहीं हुए।

लालू प्रसाद के वकील ने एक पत्र के जरिए सोमवार अपराह्न् सीबीआई को बताया कि उनके मुवक्किल जांच के संबंध में सीबीाई के समक्ष पेश नहीं हो पाएंगे।

उन्हें इस संबंध में 22 सितंबर को समन जारी किया गया था।

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, लालू की ओर से उनके वकील ने हमें पत्र भेजा है और आईआरसीटीसी मामले में जांचकर्ताओं के समक्ष पेश होने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है।

सीबीआई ने 22 सितंबर को लालू प्रसाद और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव को समन भेजकर 25 और 26 सितंबर को पेश होने को कहा था।

इससे पहले सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और उनके बेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सात सितंबर को समन भेजकर दक्षिण दिल्ली के लोधी रोड इलाके में स्थित मुख्यालय में 11 और 12 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था।

सीबीआई ने लालू के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए कथित अनियमितताओं के लिए पांच जुलाई को लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।

सीबीआई के मुताबिक, रांची और पुरी में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के दो होटलों को सुजाता होटल्स कंपनी को बेचने में कथित अनियमितता बरती गई थी। इसके बदले उन्हें रिश्वत के रूप में बिहार में एक भूखंड मिला था।

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नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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