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ब्लू व्हेल गेम के चलते खुदकुशी पर उच्च न्यायालय ने जताई चिंता

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को युवा एवं किशोरों द्वारा ऑनलाइन गेम ब्लू व्हेल चैलेंज खेलते हुए खुदकुशी करने की घटनाओं पर हैरानी जताते हुए कहा कि आखिर लोग इससे इतना प्रभावित कैसे हो जाते हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायाधीश सी. हरि शंकर की खंडपीठ गूगल, फेसबुक, याहू सहित सभी इंटरनेट कंपनियों को ब्लू व्हेल चैलेंज से जुड़ी किसी भी तरह की सामग्री को अपलोड करने से रोकने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।

रूस के एक सजायाफ्ता व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर विकसित यह गेम खेलने वाले व्यक्ति को मानसिक तौर पर प्रभावित कर लेता है और उसे गेम से जुड़ी चुनौतियों, खुद को क्षति पहुंचाने वाले काम करने और अंतिम चरण के रूप में विजेता बनने के लिए खुदकुशी तक करने के लिए प्रेरित कर देता है। इस गेम के दौरान हर चरण की चुनौती को पूरा करते हुए सबूत के तौर पर उसे फिल्माना भी पड़ता है।

30 जुलाई को मुंबई में एक 14 वर्षीय स्कूली छात्र मनप्रीत सिंह साहनी ने अपने घर की पांचवीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली, जबकि मणिपुर के एक मंत्री के बेटे की दिल्ली में एक इमारत से कूदने के चलते मौत हो गई।

दोनों ही मौतों के पीछे इस ब्लू व्हेल चैलेंज गेम के होने की आशंका जताई जा रही है।

इसके अलावा केरल में भी एक किशोर ने कथित तौर पर ब्लू व्हेल चैलेंज के आखिरी चरण को पूरा करते हुए खुदकुशी कर ली।

अदालत ने याचिकाकर्ता पेशे से वकील गुरमीत सिंह से दिल्ली में इस तरह की अन्य घटना के बारे में अदालत को अवगत कराने के लिए कहा है।

याचिकाकर्ता ने अदालत से दिल्ली पुलिस को एक पांच सदस्यीय विशेष टीम गठित करने का निर्देश देने की भी मांग की है, जो इस बात की जांच करे कि इंटरनेट कंपनियां अदालत के आदेश का पालन कर रही हैं या नहीं।

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नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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