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मंदसौर के किसानों का संदेश देश के गांव-गांव जाएगा

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भोपाल, 27 जून (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में आंदोलन के दौरान किसानों पर हुई गोलीबारी और किसानों की मांगों को लेकर छह जुलाई से ‘किसान संघर्ष यात्रा’ शुरू होने जा रही है। किसान संगठनों का कहना है कि यह यात्रा प्रदेश ही नहीं, देश के गांव-गांव में जाएगी, ताकि मंदसौर की हकीकत सभी लोग जान सकें। विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने यहां मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंदसौर के शहीद किसानों के गांवों की मिट्टी किसान यात्रा में साथ ले जाई जाएगी।

प्रतिनिधियों में शेतकारी संगठन के नेता और सांसद राजू शेट्टी, उत्तर प्रदेश के किसान नेता और विधायक बी.एम. सिंह, किसान मजदूर संघर्ष समिति के डॉ़ सुनीलम के अलावा टोको, रोको, ठोको क्रांतिकारी मोर्चा के उमेश तिवारी, शहीद राघवेंद्र सिंह किसान संघर्ष समिति के इंद्रजीत सिंह शंखू, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संघ के यू.पी. विश्वास, जन पहल के योगेश दीवान और मध्यप्रदेश किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष जसविंदर सिंह शामिल थे।

इन प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से कहा, हमारी मांग है कि गोलीकांड के दोषियों को सजा देने के लिए इस घटना की जांच हाईकोर्ट के न्यायाधीश से कराई जाए और जांच आयोग का मुख्यालय इंदौर की बजाय पिपलिया मंडी रखा जाए।

किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को याद दिलाया कि उन्होंने कहा था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के नीचे खरीद होने पर व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। मगर न तो किसानों को एमएसपी मिल रही है और न ही व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही है। प्याज और मूंग उत्पादक किसान लुट रहे हैं।

किसान नेताओं ने कहा कि किसान संघर्ष यात्रा की मांगों में किसानों के सारे कर्ज माफ करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम सुनिश्चित करना है।

इसके अलावा प्रदेश में किसानों की जमीनों से बेदखली रोकने, सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ने से 171 गांवों के विस्थापन से पहले प्रभावित लोगों को मुआवजा और पुनर्वास का पूरा प्रबंध करने की मांग भी शामिल है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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