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मुख्य समाचार

अभिनेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद खन्‍ना का निधन

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मुंबई। गुजरे जमाने के मशहूर अभिनेता विनोद खन्‍ना का निधन हो गया। वह 70 वर्ष के थे। छह अक्‍टूबर 1946 को पेशावर में जन्‍में विनोद खन्‍ना का परिवार विभाजन के बाद 1947 में भारत आ गया था। विनोद खन्‍ना ने 141 फिल्‍मों में अपनी अभिनय क्षमता के दम पर दर्शकों के दिलों पर सालों तक राज किया।

वर्ष 1997 और 1999 में वे दो बार पंजाब के गुरदासपुर क्षेत्र से भाजपा की ओर से सांसद चुने गए। 2002 में वे संस्कृति और पर्यटन के केन्द्रीय मंत्री भी रहे। सिर्फ 6 माह पश्चात ही उनको अति महत्वपूर्ण विदेश मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बना दिया गया।

हालांकि कुछ दिन पहले यह अफवाह भी उड़ी थी कि विनोद खन्‍ना का‍ निधन हो गया लेकिन तब यह कोरी अफवाह ही साबित हुई थी क्‍योंकि अपने जमाने के सुपरस्टार रहे विनोद खन्ना की तबियत इन दिनों ठीक नहीं चल रही थी। कुछ समय से विनोद खन्ना एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।

विनोद खन्ना का इलाज मुंबई के ही एक हॉस्पिटल में चल रहा था। दरअसल विनोद खन्ना की तबियत को लेकर अफवाह तब उड़ी जब हॉस्पिटल से लीक हुई एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जिसमे विनोद खन्ना बेहद कमजोर दिख रहे थे।

उनकी इस तस्वीर को देख कर उन्हें पहचान पाना तक मुश्किल था। अब एक तरफ जहाँ सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लेकर लोगों ने विनोद खन्ना के प्रति चिंता जाहिर की। वहीं दूसरी तरफ उनके निधन की अफवाह ने सोशल मीडिया पर पूरी तरह हड़कंप मचा दिया।

वैसे सोशल मीडिया पर यह हड़कंप महानायक यानि बिग बी के एक ट्वीट की वजह से मचा। दरअसल बिग बी के इस एक ट्वीट ने लोगों के मन में एक भ्रम पैदा कर दिया। गौरतलब है कि अपने इस ट्वीट में बिग बी ने लिखा कि बेहद अजीब है। वास्तव में ये बेहद अजीब है कि आपके किसी करीबी साथी का गुजर जाना, आपको आपके जीवन पर भी सवाल उठाने के लिए मजबूर कर देता है।

फ़िलहाल उस समय सभी गलतफहमियो को झुठलाते हुए, हॉस्पिटल ने विनोद खन्ना को लेकर यह बयान जारी किया कि अब उनकी हालत में सुधार है। साथ ही उन्हें जल्दी ही डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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