प्रादेशिक
यूपी से केंद्र का सौतेला व्यवहार बच्चा-बच्चा जानता है : सपा
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के उपाध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शाह ने गुरुवार को इटावा में अपने भाषण में ‘बचकानेपन’ की हद कर दी। उन्हें बताना चाहिए था कि उत्तर प्रदेश के विकास में उन्होंने कितनी मदद की। उप्र के साथ केंद्र का सौतेला व्यवहार अब राज्य का बच्चा-बच्चा जानने लगा है।
उन्होंने कहा कि उप्र से निर्वाचित उनके 73 सांसद हैं, केंद्र सरकार में दर्जनभर मंत्री हैं और खुद प्रधानमंत्री भी यहीं से सांसद हैं। इसके बजाय वे गुजरात की कहानी सुनाते रहे। नीति आयोग बनाकर भाजपा ने कैसे उत्तर प्रदेश के राज्यांश में नौ हजार करोड़ रुपये का नुकसान किया है, यह तथ्य भी छुपा नहीं है।
चौधरी ने कहा कि उप्र में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चार साल में राज्य के विकास की जितनी जनहित की परियोजनाएं लागू की हैं, उसकी अन्य राज्य सरकारें भी प्रशंसा कर रही हैं, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को यहां कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा है। वह भूल गए कि सैफई (इटावा) में, जिस हवाईपट्टी पर उतरे वह सपा की ही देन है। जिस सडक़ से वे गुजरे वह भी इसी सरकार ने बनाई है और इटावा के नुमाइश मैदान के, जिस मंच से वह जनता को बरगलाने की कोशिश में लगे थे, वह भी सपा ने ही बनवाया है।
चौधरी ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अखिलेश सरकार के विकास कार्यो से चिढ़ है। सच तो यह है कि भाजपा के हाथ से गुजरात भी खिसकता जा रहा है। जिस गुजरात मॉडल का चुनाव में बखान करके भाजपा ने केंद्र में सरकार बना ली, तबसे किसान तबाह हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सांप्रदायिकता का जहर घोलकर उत्तर प्रदेश में भी सत्ता में आना चाहती है। शाह सपा के खिलाफ कितनी भी साजिशें रच लें, वह कहीं सफल होने वाले नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश
हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार
हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।
इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।
शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।
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