हेल्थ
दमा पीड़ित बच्चों में मोटापे का खतरा ज्यादा
न्यूयॉर्क | यदि आपका बच्चा दमा से पीड़ित है, तो उसके बचपन या किशोरावस्था के बाद मोटापे के शिकार होने की संभावना ज्यादा है। शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि सामान्य बच्चे की तुलना में दमा से पीड़ित छोटे बच्चों में अगले एक दशक में मोटापे के शिकार होने की संभावना 51 फीसद ज्यादा है।
अमेरिका के दक्षिणी कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर फैंक डी गिलीलैंड ने कहा, “जल्दी रोग की पहचान और इलाज से बचपन की मोटापे की महामारी को रोका जा सकता है।”
यद्यपि शोधकर्ता साफ नहीं कर सके कि दमा पीड़ित बच्चों में ज्यादा मोटापे का खतरा रहता है या मोटापे के शिकार बच्चों में दमा के विकास का खतरा रहता है या दोनों बातें हैं।
दमा पीड़ित बच्चों में मोटापे के शिकार होने की प्रबल संभावना के एक कारण में श्वास संबंधी दिक्कतों की वजह से ऐसे लोगों के खेल और व्यायाम में कमी होना है।
गिलीलैंड ने कहा कि इसके अलावा अस्थमा के दवाओं का प्रभाव भी वजन के रूप में पड़ता है। अस्थमा और मोटापे से दूसरी उपापचयी बीमारियां भी पैदा होती हैं। इसमें पूर्व-मधुमेह और बाद में टाइप टू मधुमेह की बीमारियां हैं।
गिलीलैंड ने कहा कि शोध में यह भी सुझाव दिया गया है कि दमा इनहेलर से मोटापे को रोकने में मदद मिलती है।
शोध के लिए दल ने 2171 किंडरगार्टेनर और पहली कक्षा के छात्रों के रिकॉर्ड का अध्ययन किया। इसमें 13.5 फीसदी बच्चों को दमा था। लेकिन यह मोटापे के शिकार नहीं थे।
इस शोध का प्रकाशन ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ रिस्पाइरेटी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसीन’ में प्रकाशित हुआ है।
लाइफ स्टाइल
तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय
नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
सेहतमंद आहार लें
संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।
गतिहीन जीवनशैली से बचें
बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।
शारीरिक रूप से सक्रिय
व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।
तनाव से बचें
तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
अच्छी और गहरी नींद
समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें
धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच
नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।
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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
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