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डराने वाले आंकड़े आए सामने, दिल्ली समेत कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर

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Pollution in north indiaनई दिल्ली। देश में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। प्रदूषण के मामले में दिल्ली 268 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ शीर्ष पर है। इसके बाद अन्य शहरों में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, इलाहाबाद, बरेली, कानपुर तथा हरियाणा के फरीदाबाद वहीं झारखंड के झरिया, रांची, कुसेंदा, बस्टाकोला और बिहार के पटना का नंबर आता है।

ग्रीनपीस इंडिया द्वारा ऑनलाइन रिपोर्ट और सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत देश भर के विभिन्न राज्यों के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति पर बनी रिपोर्ट बेहद भयावह है।

इसमें दक्षिण भारत के कुछ शहरों को छोडक़र देश के किसी भी शहर ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के प्रदूषण नियंत्रण के लिए बनाए गए मानकों की सीमा का पालन नहीं करने की बात सामने आई है। 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 168 शहरों की स्थिति पर ग्रीनपीस इंडिया की इस रिपोर्ट का नाम ‘वायु प्रदूषण का फैलता जहर’ नाम दिया गया है। इसमें प्रदूषण का मुख्य कारण जीवाश्म इंधन को जलाना बताया गया है।

ग्रीनपीस कैंपेनर सुनील दहिया ने कहा, “वायु प्रदूषण अब स्वास्थ्य से जुड़ी एक राष्ट्रीय समस्या का रूप ले चुका है। रिपोर्ट में शामिल शहरों ने इसे नियंत्रित करने का कोई कारगर उपाय नहीं किया है, जिसके कारण ये शहर वायु प्रदूषण के आधार पर रहने योग्य नहीं कहे जा सकते। यहां सांस लेना तक मुश्किल हो गया है, लेकिन सरकारी तंत्र इस पर आंख मूंद कर बैठे हुए हैं।”

बहुत सारी वैज्ञानिक रिपोर्टो ने इस दावे की पुष्टि समय-समय पर की है कि वायु प्रदूषण अब खतरे की घंटी बन चुकी है। दाहिया का कहना है कि वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों की संख्या तंबाकू के कारण होने वाली मौतों से कुछ ही कम रह गई है।

देश के 20 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों का 2015 में वायु प्रदूषण का स्तर पीएम 10 (2) 268 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 168 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के बीच रहा। इसमें 268 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दिल्ली शीर्ष पर है। वहीं इसके बाद अन्य शहरों में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, इलाहाबाद, बरेली, कानपुर तथा हरियाणा के फरीदाबाद वहीं झारखंड के झरिया, रांची, कुसेंदा, बस्टाकोला और बिहार के पटना का प्रदूषण स्तर पीएम 10, 258 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।

रिपोर्ट में इसके कारणों को चिन्हित करते हुए बताया गया है कि इसका मुख्य कारण जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, पेट्रोल, डीजल का बढ़ता इस्तेमाल है। सीपीसीबी से आरटीआई द्वारा प्राप्त सूचनाओं में पाया गया कि ज्यादातर प्रदूषित शहर उत्तर भारत के हैं। यह शहर राजस्थान से शुरू होकर गंगा के मैदानी इलाकों से होते हुए पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं।

दहिया का कहना है, “भारत में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। साल 2015 में प्रदूषित वायु की चपेट में आकर मरने वाले लोगों की संख्या भारत में चीन से भी अधिक थी। इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए तत्काल एक निगरानी व्यवस्था लागू करने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “बीते महीने सर्वोच्च न्यायालय ने ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम को स्वीकार्यता दी है, ताकि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटा जा सके। ग्रीनपीस इस कदम का स्वागत करता है। हमारा मानना है कि इस सिस्टम को दूसरे शहरों में भी लागू करना और उसे संचालित करना होगा। इसके लिए मजबूत और कारगर मॉनिटरिंग सिस्टम बनाना होगा, ताकि आम जनता को अपने शहर के प्रदूषण की स्थिति की जानकारी समय-समय पर मिलती रहे।”

दहिया ने कहा, “इस रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया है कि वायु प्रदूषण केवल दिल्ली में ही नहीं है। इसलिए हमें प्रदूषण नियंत्रण की रणनीति बेहद मजबूत, कारगर और लक्ष्य केंद्रित करनी होगी। साथ ही इसे समय-सीमा के भीतर लागू करना होगा। इसके लिए सबसे पहले हमें ऊर्जा और यातायात के क्षेत्र में कोयला, पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधनों पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी।”

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सपा नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बताया बेकार, कहा- उसका नक्शा ठीक नहीं

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मैनपुरी। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं। पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए। नक्शा ठीक नहीं बना है उसका। वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।

वहीं उनके बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इंडी अलायंस का असली सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बेकार है। ये ठीक से बना नहीं है। इसका नक्शा ही खराब है. ये यूजलेस है। देख लीजिए, इसका वास्तु ही खराब है। पहले इन लोगों ने राम भक्तों का विरोध किया. फिर राम भक्ति को पाखंड बताया. फिर राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया और अब राम मंदिर पर ही हमला कर रहे हैं। केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इससे पहले कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इवेंट बताते हुए कैसे उसका बहिष्कार किया।

राम मंदिर को लटकाना, अटकाना, भटकाना ये कांग्रेस पार्टी ने लगातार किया है। वहीं, आरजेडी ने कहा कि राम मंदिर गुलामी की निशानी है. रामचरित मानस पर इन लोगों ने हमला किया और अब ये लोग किस तरह से राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. करोड़ों राम भक्तों ने किस तरह से सैकड़ों वर्षों तक इंतजार किया, तब जाकर राम मंदिर बना, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि राम मंदिर बेकार है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा , “क्या किसी और धर्म स्थल के बारे में वो ऐसा बोलेंगे। कतई नहीं बोला जा सकता और ना ही बोला जाना चाहिए, लेकिन केवल हिंदुओं को गाली देना इनका काम है ताकि वोट बैंक की थाली सजी रहे। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि मैं शक्ति का विरोध कर रहा हूं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन एक बीमारी है. खरगे जी ने कहा कि राम बनाम शिव करना है। ये आए दिन हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते रहते हैं और अब कहा जा जा रहा है कि राम मंदिर ही बेकार है, उसका ढांचा ही ठीक नहीं है।

 

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