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आतंकवाद से निपटने के लिए पहाड़ों पर भारतीय-अमेरिका सैन्य अभ्यास

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America india war exerciseनई दिल्ली। उत्तराखंड के चौबत्तिया में दो सप्ताह से जारी भारत, अमेरिका का संयुक्त युद्धाभ्यास मंगलवार को संपन्न हो गया। इस संयुक्त अभ्यास में भारतीय सेना की एक इंफेंट्री बटालियन और अमेरिकी सेना की 20वीं इंफेंट्री रेजीमेंट की 5वीं बटालियन ने हिस्सा लिया।

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, यह सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ श्रृंखला का 12वां संस्करण था। इसकी शुरुआत वर्ष 2004 में अमेरिकी सेना प्रशांतिक सहभागिता कार्यक्रम के तहत की गई थी। इस अभ्यास के तहत भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच सहयोग को मजबूती मिलती है। उत्तराखंड के चौबत्तिया में यह तीसरा भारत-अमेरिकी सेना अभ्यास है।

बयान के अनुसार, पिछले वर्ष दोनों देशों ने फैसला किया था कि संयुक्त सैन्य अभ्यासों का दायरा बढ़ाया जाए। युद्धाभ्यास 2016 के तहत कमांड पोस्ट एक्सरसाइज सहित इंफेंट्री सेना ने विभिन्न अभ्यास किए, जिसमें दोनों देशों के विशेषज्ञों ने पारस्परिक हितों से संबंधित विषयों पर चर्चा भी की।

मेजर जनरल आर.के. रैना ने अपने संबोधन में अभ्यास को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए दोनों देशों के सैन्य दलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध निरंतर प्रगाढ़ हो रहे हैं। दोनों देशों के दलों ने जिस लगन और भाईचारे के साथ अभ्यास किया, उससे आगे की रणनीतिक साझेदारी को मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा कि दोनों देश उग्रवाद और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद जैसी विघटनकारी शक्तियों से मुकाबला कर रहे हैं। अभ्यास के दौरान एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने की जो क्षमता नजर आई है, वह आवश्यकता पडऩे पर वास्तविकता में बदली जा सकती है।
अमेरिकी सेना के मेजर जनरल थॉमस जेम्स ने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य संबंध इतने प्रगाढ़ पहले कभी नहीं थे और इस अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंध मजबूत होंगे।

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विकास और स्थिरता के लिए भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच संबंधों का मजबूत होना बहुत आवश्यक है। एक दूसरे को जानने और एक दूसरे पर भरोसा करना संयुक्त ऑपरेशन के लिए जरूरी होता है।

नेशनल

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर

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बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि एक नागरिक और दो सैनिक घायल हो गए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक लश्कर का डिवीजनल कमांडर उस्मान और आतंक का पर्याय बने लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के कमांडर बासित डार के फंसे होने की संभावना है। रात 12:30 बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ भागने का प्रयास किया और उसके बाद दोनों ओर से गोलाबारी शुरू हुई है। बीते 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों व सुरक्षाबल के बीच दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पूर्व मंगलवार को बांडीपोरा के रेंजी अरागाम में मुठभेड़ में भी दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी सोपोर में किसी जगह अपने संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। ये आतंकी चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में मुखबिरों को सक्रिय किया। शाम सात बजे के करीब जब सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए चक मोहल्ले में आगे बढ़ रहे तो मस्जिद से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया।

जवानों ने जवाबी फायर कर आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। जवानों ने आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान फारूक अहमद नामक एक स्थानीय नागरिक के कंधे पर गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक लैब टैक्निशियन है। इस भिड़ंत में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है

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